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जयपुर: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर फिलहाल कांग्रेस पार्टी की चिंता कम होती नहीं दिख रही है। एक मंत्री सहित कम से कम छह विधायकों ने पार्टी के उस आदेश का पालन नहीं किया है, जिसमें तय समय पर रिसॉर्ट पहुंचने के लिए कहा गया था। यह सूचना सत्तारूढ़ पार्टी की चिंता जरूर बढ़ा सकती है।
10 जून को होने वाली वोटिंग से पहले कांग्रेस को कुछ कठिन सौदेबाजी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने पहले विधायकों को रिसॉर्ट तक पहुंचने के लिए शुक्रवार शाम की समय सीमा दी थी। अधिकांश विधायक वहां पहुंच भी गए, लेकिन कुछ ने दूरी बना रखी है।
शुक्रवार को राजस्थान के सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला करते हुए कहा कि सीएम बहुत बात करते हैं लेकिन बेहतर होगा कि वह बैठ जाएं और इसके बजाय चिंता करें। जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए गुढ़ा, जो मुखर होने के लिए जाने जाते हैं, ने कहा, "गहलोत साहब बोलते बहुत हैं। वह काम करने से अधिक बोलते हैं। मीडिया में बोलते हैं। कभी बैठकर चिंता करते तो ज़्यदा ठीक होता।"
गुढ़ा छह बसपा विधायकों के उस समूह का हिस्सा थे जो विधानसभा चुनाव परिणामों के एक साल बाद 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही बीएसपी विधायकों की संख्या विधानसभा में जीरो हो गई थी।
गुढ़ा और अली के अलावा बसपा से कांग्रेसी बने और भी नेता अभी तक उदयपुर नहीं पहुंचे हैं। लखन सिंह (करौली विधायक), संदीप कुमार (तिजारा, अलवर), गिरिराज सिंह (बारी, धौलपुर) और खिलाड़ी लाल बैरवा (बसेरी, धौलपुर) भी नाराज चल रहे हैं।
बसपा द्वारा राज्यपाल कलराज मिश्रा और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को एक पत्र लिखा गया है। पत्र में मांग की गई है कि बसपा के छह विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान करने से रोक दिया जाए क्योंकि उनके द्वारा घोषित विलय के संबंध में एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने लिखा, "हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उन्हें राज्यसभा चुनाव में मतदान करने से रोकें क्योंकि बसपा ने किसी भी पार्टी या निर्दलीय को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है।"
बसपा के पूर्व विधायक अक्सर गहलोत पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाते रहे हैं। गुढ़ा को पिछले साल नवंबर में उन्हें शांत करने के लिए मंत्री नियुक्त किया गया था। लखन सिंह मीणा, जोगिंदर अवाना और दीपचंद खैरिया को इस फरवरी में राजनीतिक नियुक्तियां दी गई थीं।
कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा, 'वे कांग्रेस के साथ हैं और कांग्रेस विधायक हैं। उन्होंने पार्टी या सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की भी बात नहीं कही है। हमारे पास पहले से ही संख्या है और हम सभी एक साथ हैं। बीजेपी भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है क्योंकि उसके पास केवल 71 विधायक हैं।"
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