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Rajsamand शासन मुनि रविंद्र कुमार और मुनि अतुल कुमार ने चारभुजा में किया मंगल प्रवेश

Shantanu Roy
4 Jun 2024 12:19 PM GMT
Rajsamand शासन मुनि रविंद्र कुमार और मुनि अतुल कुमार ने चारभुजा में किया मंगल प्रवेश
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Rajsamand: राजसमंद। राजसमंद शासन मुनि रविंद्र कुमार एवं मुनि अतुल कुमार ने सोमवार प्रात: चारभुजा में मंगल प्रवेश किया। विहार से पूर्व रिछेड़ में हिमत कोठारी के निवास स्थान पर मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान केलवा नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रकाश बोहरा एवं मंत्री ललित मेहता की टीम एवं संबोधि उपवन के पदाधिकारी ने मुनि के दर्शन किए। मुनि अतुल कुमार ने परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि साजिश और षड्यंत्र करने वालों की हालत मकड़ी जैसी हो जाती है। लोग अपने तुच्छ स्वार्थ की पूर्ति के लिए ईर्ष्या या विद्वेष के लिए अपने अह्म की पुष्टि के लिए एक दूसरे के विरुद्ध घिनौना कार्य करते हैं। घर से लेकर समाज, राष्ट्र से लेकर राजनीति आदि में कोई ना कोई षड्यंत्र का शिकार है। षड्यंत्र के शिकार कई लोग हार मान लेते हैं। अपने से जुड़े लोगों को मन की बात नहीं कह पाते। ऐसे में षड्यंत्रकारी और ब्लैकमेलर की ज्यादतियां बढ़ती जाती है। लोगों का स्तर दिनों-दिन गिरता जा रहा है। षड्यंत्र, कुचक्र, साजिश व ब्लैकमेलिंग कर दूसरों का शोषण करने वाले पापी हैं। इन्हें इस पाप की सजा भुगतनी ही है और जीवन भर सड़ना ही है।
इसका परिणाम आगे-पीछे जरूर भुगताना ही पड़ेगा। अपनी चतुराई और चालबाजी के कारण खुद का सर्वनाश कर लेते हैं। इंसान का पुण्य प्रबल होता तो षड्यंत्र का शिकार व्यक्ति थोड़ी देर या कुछ दिन में इस संकट से उबर जाएगा। बाद में षड्यंत्र को रचने वाले पापी का अंत बुरा ही होगा। मोबाइल सहित अन्य माध्यम ऐसे हैं, जिनके सहयोग से किसी को भी बदनाम किया जा रहा है। लेकिन, शिकारी खुद भी कभी-कभी शिकार हो जाता है। लेकिन, आपके कर्म ठीक हैं तो आपका कोई कुछ गलत नहीं कर सकता और कर्म खोटे होंगे तो आप कितने भी फूंक-फूंक कर कदम रखो, कभी भी किसी के भी षड्यंत्र के शिकार हो जाओगे। अंत में मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। कांकरोली सभा उपाध्यक्ष हिमत कोठारी ने स्वागत वक्तव्य दिया। रिछेड़ सभा अध्यक्ष मदन कोठारी, पूर्व सरपंच गोवर्धन लाल टेलर ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मंडल ने विदाई गीत की प्रस्तुति दी। वहीं, संतों के चारभुजा पहुंचने पर समाजसेवी बाबूभाई राठौड़ व जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने अगवानी की।
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