भारत

हथियारों की खरीद पर राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्रालय की ओर से ट्वीट भी किया गया

Admin4
17 March 2023 2:05 AM GMT
हथियारों की खरीद पर राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्रालय की ओर से ट्वीट भी किया गया
x
रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को सशस्त्र बलों के लिए विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए 70,500 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी. सरकार के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सभी नियोजित खरीद 'बॉय' (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत की जाएंगी. चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग तीन साल के लंबे गतिरोध के बीच इन नए खरीद प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई है. इन प्रस्तावों के तहत हॉवित्जर, ब्राह्मोस मिसाइलें, यूएच मेरीटाइम हेलीकाप्टर आदि खरीदे जाएंगे.
अधिकारियों ने हथियार प्रणालियों की खरीद के मंजूरी के बारे में विवरण देते हुए कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद ने सेना के लिए 307 उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति दे दी है. गौरतलब है कि स्वदेशी 155एमएम/52 कैलिबर एटीएजीएस को डीआरडीओ ने भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की भागीदारी के साथ विकसित किया है. इसके अलावा डीएसी ने नौसेना के अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों के लिए विस्तारित रेंज वाली 200 और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है.
अन्य युद्धपोतों में ये मिसाइल चार 15बी विध्वंसक यानी दो आईएनएस विशाखापत्तनम और आईएनएस मोरमुगाओ के साथ-साथ सात प्रोजेक्ट-17ए फ्रिगेट के लिए भी होंगे. इनके अलावा डीएसी ने शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम और यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-समुद्री को भी मंजूरी दे दी है, जिसकी कीमत भारतीय नौसेना के लिए 56,000 करोड़ रुपये है और साथ ही भारतीय वायु सेना के लिए लंबी दूरी के स्टैंड-ऑफ वेपन को एसयू-30 एमकेआई विमान में एकीकृत किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजी की कुल मंजूरी अब 2,71,538 करोड़ रुपये है, जिसमें से 98.9 प्रतिशत भारतीय उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा.
हथियारों की खरीद पर राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्रालय की ओर से ट्वीट भी किया गया. इसमें कहा गया कि स्वदेशी खरीद की इतनी मात्रा न केवल भारतीय उद्योगों को 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगी, बल्कि काफी हद तक विदेशी विक्रेताओं पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगी. janta se rishta


Next Story