अथॉरिटी में हुए फर्जी तरीके से नियुक्ति के मामले में राजेंद्र सिंह ने आदित्यनाथ को फिर भेजा पत्र
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में 70 लोगों की फर्जी तरीके से नियुक्ति करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग सीएम को पत्र भेज कर की है। राजेंद्र सिंह ने सीएम को पत्र भेज कर कहा है कि ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में फर्जी तरीके से 70 लोगों की नियुक्ति कर डाली। अथाॅरिटी के अधिकारियों ने अपनों को नौकरी का बंदरबाट कर डाला। भर्ती करने के लिए किसी तरह का कोई विज्ञापन तक नहीं निकाला गया। किस पोस्ट के लिए कर्मचारी की तैनाती की जानी है, क्या योग्यता होनी चाहिए। किसी तरह का कोई विज्ञापन तक जारी नही किया गया। भर्ती प्रक्रिया अपनाने की कोई कार्रवाई किसी तरह की नहीं की गई। अथाॅरिटी के अधिकारियों ने अपनों को रेवडी की तरह नौकरी बांट दी गई।
कुछ अफसरों ने सरकार की छवि पर धब्बा लगाया
राजेंद्र सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि 70 लोगों की फर्जी तरीके से नियुक्ति की गई। जिसमें से अभी तक केवल 49 लोगों को ही निकालने के लिए सीईओ ने आदेश जारी किए है। राजेंद्र सिंह की मांग है कि जिन अफसरों ने फर्जी तरीके से नियुक्ति की, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह के अधिकारियों की वजह से यूपी सरकार की बदनामी हुई है। सरकार की स्वच्छ छवि को धब्बा लगा है। सरकार की छवी को धब्बा लगाने वाले ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी के ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
ट्राईसिटी टुडे की मुहिम लाई रंग
इस फर्जीवाड़े को उजागर करते हुए ट्राईसिटी टुडे ने 24 सितंबर 2022 को पहली खबर प्रकाशित की थी। हमारे विशेष संवाददाता महकार सिंह भाटी ने पूरे घोटाले की परत-दर-परत जांच की और तथ्यों को सबके सामने रखा। बताया कि किस तरह प्राधिकरण में तैनात अफसरों ने रातों-रात अपने बेटे, बेटियों, बहू, भतीजों, सालों और रिश्तेदारों को नौकरियां दिलाने के लिए भारत सरकार के जेम पोर्टल पर आवेदन कराए। महकार सिंह भाटी ने अपनी रिपोर्ट्स में बताया कि भर्तियां करने के लिए आधी रात में आवेदन करवाए गए। चंद मिनटों के लिए एप्लीकेशन विंडो ओपन होती थीं। चाहतों के एप्लीकेशन फॉर्म भरने के बाद विंडो क्लोज कर दी जाती थीं। इन लोगों को भर्ती करने के लिए ना कोई टेस्ट, ना इंटरव्यू और ना एग्जाम करवाया गया है।