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Rajasthan: सीएम सहित इन 3 मंत्रियों के पास हैं 21 विभाग, निर्दलीय विधायकों को फेरबदल से बड़ी उम्मीदें
Shiddhant Shriwas
18 Oct 2021 4:29 AM GMT
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राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर सियासी हवा में बदलाव नजर आने लगा है. गहलोत सरकार में लंबा समय बीत जाने के बाद अभी तक कैबिनेट (rajasthan cabinet reshuffle) में बदलाव नहीं किया गया है.
राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर सियासी हवा में बदलाव नजर आने लगा है. गहलोत सरकार में लंबा समय बीत जाने के बाद अभी तक कैबिनेट (rajasthan cabinet reshuffle) में बदलाव नहीं किया गया है. सीएम अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) ने शुक्रवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान कैबिनेट फेरबदल (gehlot cabinet) पर भी चर्चा हुई. जिसके बाद अब प्रदेश में कैबिनेट में बदलाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई हैं. चर्चाओं की माने तो दो सीटों पर उपचुनाव के बाद नवंबर में कैबिनेट फेरबदल हो सकता है. बता दें कि अभी सरकार में सीएम सहित 30 मंत्री बन सकते हैं.
कैबिनेट में अभी 9 पद खाली हैं. अगर पार्टी ने एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू किया तो 3 और मंत्रियों को जगह मिल सकती है. ऐसे में फिर खाली पद 12 होंगे. इसलिए कैबिनेट में विस्तार की संभावना कम ही हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि कैबिनेट में पुनर्गठन ही किया जाएगा. ऐसे में सभी मंत्री इस्तीफे दे सकते हैं.
सीएम सहित इन 3 मंत्रियों के पास हैं 21 विभाग
-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास 13 बड़े विभागों की जिम्मेदारी है. इन विभागों में गृह, वित्त, आबकारी, पॉलिसी प्लानिंग, कार्मिक, ग्रामीण विकास जैसे बड़े और महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं.
-ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के पास 4 बड़े विभाग हैं. इन में बिजली, पब्लिक हेल्थ, भूजल, कला और साहित्य, संस्कृति और आर्कियोलोजी विभाग शामिल हैं.
– कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के पास यूडीएच, एलएसजी, विधि, संसदीय कार्य, आयुर्वेद और भारतीय मेडिकल हेल्थ सर्विसेज जैसे 4 बड़े विभाग हैं.
एक पद का फार्म्यूला लागू हुआ तो इन मंत्रियों से लिए जा सकते हैं विभाग
-कैबिनेट मंत्री डॉ. रघु शर्मा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्हे गुजरात का प्रभारी बनाया गया है. 2022 में गुजरात में चुनाव हैं. इसलिए पूरा फोकस वहीं हैं.
-शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा राज्य मंत्री हैं. डोटासरा इसे पहले भी साफ संकेत दे चुके हैं कि वो अध्यक्ष पद संभालेंगे.
-कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बन सकते हैं. वहां अगले साल चुनाव हैं वहीं फोकस करेंगे.
निर्दलीय विधायकों को फेरबदल से बड़ी उम्मीदें
सीएम कहते आए हैं कि जिन्होंने सियासी संकट में सरकार बचाई है. उन्हें जरूर इनाम देंगे. इसलिए, बसपा और निर्दलीयों की किस्मत भी साथ है. तय है कि सोशल इंजीनियरिंग, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और अपनों को तवज्जो के चक्कर में कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है.
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