भारत

Rajasthan: अब बेड़ियों में कैद नहीं है महिलाएं, समाज सुधारक के रूप में लहरा रही हैं परचम

jantaserishta.com
7 March 2022 12:49 PM GMT
Rajasthan: अब बेड़ियों में कैद नहीं है महिलाएं, समाज सुधारक के रूप में लहरा रही हैं परचम
x

नई दिल्ली: एक समय था जब लोग महिलाओं के लिए बेहद संकुचित विचार रखा करते थे और उन्हें अपने से हमेशा कमतर ही समझा करते थे। अब वह समय इतिहास के पन्नों पर लिपटी धूल में सिमटकर रह गया है जब देश की महिलाएँ समाज और घर-परिवार रूपी बेड़ियों में कैद रहा करती थीं, और यहाँ तक कि खुद के पैरों पर खड़े होने की उनकी चाह घर की चौखट पर ही दम तोड़ दिया करती थी। समय का पहिए घूमने के साथ ही अब महिलाओं को वह एहमियत और तवज्जो मिलने लगी है, जिसकी वह अरसों से हकदार हैं।

तमाम जंजीरों को तोड़कर आसमान में ऊँची उड़ान भरकर महिलाओं ने दिखा दिया है कि वह किसी से कमतर नहीं हैं, और ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें वह मिसाल कायम करने में अक्षम हैं। देश में सुचारु रूप से चलाए जा रहे अभियान 'आत्मनिर्भर भारत' की महिला भी आज आत्मनिर्भर है। सशक्तता की हर दिन नई परिभाषा गढ़ने वाली देश की महिलाएं अब खुद के पैरों पर खड़ी हैं। इस प्रकार, महिला दिवस के स्वागत के रूप में बुलंदी छूती कुछ महिलाओं ने स्वदेशी तथा बहुभाषी सोशल मीडिया मंच, कू ऐप के माध्यम से इस बात को स्वीकारा है कि हाँ, वे सशक्त हैं, वे आत्मनिर्भर हैं:
देश की तमाम महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा हैं:
जो शोर मचाते है भीड़ में,
भीड़ ही बनकर रह जाते है,
वही पाते है जिन्दगी में सफलता
जो खामोशी से अपना काम कर जाते है.
लक्ष्मी, जिंदगी की दर्दनाक लड़ाइयों से जूझकर डटकर सामने आईं और मुश्किलों को खुद से पीछे धकेलते हुए हर दम आगे बढ़ती रहीं। कई ज़ुल्मों को सहती हुईं आज वे इस मुकाम पर हैं कि शायद ही कोई शख्स होगा, जो उन्हें नहीं जानता होगा या उनकी आपबीती सुनने के बाद उनसे प्रेरित नहीं हुआ होगा। आज वे सबसे बेहतर समाज सुधारकों में से एक के रूप में पूरे देश में परचम लहरा रही हैं, इतना ही नहीं, देश की कई महिलाओं को प्रेरित करने का काम भी बखूबी कर रही हैं।

Next Story