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Rajasthan: राजस्थान ने प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी में बनाया रिकॉर्ड
jantaserishta.com
14 March 2024 6:39 AM GMT
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जयपुर: राजस्थान की मौजूदा भाजपा सरकार के तहत राज्य में प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी में एक नया रिकॉर्ड बनाया गया है। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। राज्य के खान सचिव आनंदी ने बुधवार को बताया कि राजस्थान के खान और भूविज्ञान विभाग ने भारत सरकार के ई-पोर्टल के माध्यम से 13 मार्च तक 31 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है। उन्होंने बताया कि केवल 22 दिनों में चूना पत्थर के 15 ब्लॉकों की नीलामी की गई है।
खान मंत्रालय की ओर से जारी प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में 1 मार्च तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में 22-22 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई। इसके तुरंत बाद, राजस्थान में नौ और ब्लॉकों की नीलामी के साथ, 13 मार्च तक राजस्थान में 31 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई। यह देश में सबसे अधिक है।
पिछले वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश में 29 और छत्तीसगढ़ में 20 ब्लॉक की नीलामी की गई। राजस्थान में पिछले साल प्रमुख खनिजों के केवल आठ ब्लॉक की नीलामी की गई। पिछले साल देशभर में 105 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई थी। खान सचिव आनंदी ने कहा कि केंद्र सरकार भी प्रमुख खनिजों के ब्लॉकों की नीलामी पर जोर दे रही है और राज्यों को अधिक से अधिक खनिज ब्लॉकों की तैयारी और नीलामी के लिए कहा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सहित देश के 13 राज्यों में खनिज ब्लॉकों की तैयारी और नीलामी की मासिक समीक्षा की जाती है। गौरतलब है कि नई सरकार बनते ही खान मंत्रानय का भी प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिक से अधिक ब्लॉकों को नीलामी के लिए तैयार करने पर जोर दिया। इसी क्रम में राजस्थान ने भी भारत सरकार के पोर्टल पर टेंडर जारी कर सोना, दुर्लभ मृदा तत्व और पोटाश की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई।
खान निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 31 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई है। इनमें से चूना पत्थर के 22 ब्लॉकों को खनन पट्टे के लिए नीलाम किया गया है, जबकि लौह अयस्क के चार और बेस मेटल के दो ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस जारी किए गए हैं।
कलाल ने कहा कि राज्य में अवैध खनन एवं खनिज अन्वेषण को रोकने के योजनाबद्ध प्रयासों का ही परिणाम है कि पारदर्शी व्यवस्था के तहत भारत सरकार के ई-पोर्टल के माध्यम से अधिक से अधिक ब्लॉक तैयार कर उनकी नीलामी की जा रही है।
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