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राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly Session) का सत्र 9 सितंबर से शुरू होने जा रहा है.
जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly Session) का सत्र 9 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र को छठा सत्र के ही अगले चरण के रूप में माना जा रहा है. लिहाजा सदन के अंदर विधानसभा के सदस्यों की ओर से लगाए जाने वाले सवालों की संख्या समिति रहने वाली है. उसकी वजह है कि सदन में एक सत्र में एक सदस्य 40 तांराकित और 60 अतारांकित सवाल ही लगा सकते है. ऐसे में सदन में ज्यादा सवाल लगाने के मामले से सक्रिय रहने वाले सदस्य जिन्होंने अपने सवालों का कोटा पूरा कर लिया है वो इस सत्र में सवालों से वंचित रहने वाले है. मिली जानकारी के मुताबिक नियमों का हवाला देकर जिन सदस्यों के कुल 100 सवाल लग चूके है उनके इस सत्र में सवालों को विधानसभा सचिवालय स्वीकार नहीं करेगा.
9 सितंबर से शुरू होने वाले सत्र में 25 सदस्य प्रश्न लगाने से वंचित रहने वाले है जिसमें भाजपा कांग्रेस समेत निर्दलीय विधायक शामिल है. इस मामलें को लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा सचिव को लिखे पत्र में विधानसभा के नियमों एवं प्रक्रियाओं के नियम 33 (1) के अन्तर्गत प्रश्न पूछ लिए है. ऐसे में अब इन परिस्थितियों में प्रश्न पूछने के अधिकार से वंचित हो गए. राठौड़ ने कहा कि विधानसभा के नियम 157 के अन्तर्गत विशेषाधिकार हनन है. राठौड़ ने कहा नियम 307 का उपयोग करके विधानसभा सदस्यों के अधिकारों की रक्षा की जाए.
बीजेपी ने दिया बड़ा बयान
भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी छठे सत्र यानि बजट सत्र के दौरान चालीस तांराकित और साठ अतारांकित प्रश्न लगा चूके, लेकिन अब वो कोई सवाल नहीं लगा सकते है. इस मामले में देवनानी ने कहा कि सत्र की आड़ में ऐसे सक्रिय. सदस्यों को सवाल लगाने की अनुमति नहीं देना उनके साथ अन्याय है. ऐसे में सक्रियता अभिशाप हो गई है ,देवनानी ने कहा कि सत्रावसान नहीं होने के कारण अन्त:सत्रकालीन सवाल भी नहीं लगा सके.
सत्र पींग-पोंग के खेल जैसा हो गया -भरतसिंह कुन्दनपुर
कांग्रेस के विधायक भरतसिंह कुन्दपुर ने सदन में सौ सवाल से ज्यादा नही लगने के मामले में कहा कि सत्र पींग-पोंग के खेल जैसा हो गया है जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर खेलते है. लेकिन फिर भी सत्र के दौरान रचनात्मक कार्य करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि सवाल नहीं लगा सकेंगे तो सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव .स्थगन प्रस्ताव,विशेष उल्लेख के प्रस्ताव के जरिए सदन में बात रखने की कोशश करेंगे.
25 सदस्य नहीं लगा सकेंगे इस सत्र में सवाल
अमृत लाल मीणा ,अविनाश गहलोत ,इंदिरा, गोपीचंद मीणा, चंद्रकांता मेघवाल, जोराराम कुमावत ,धर्म नारायण जोशी ,नारायण सिंह देवल, प्रताप सिंह सिंघवी ,फूलसिंह मीणा ,बलजीत यादव, बिहारीलाल बिश्नोई, भरत सिंह कुंदनपुर ,मदन प्रजापत ,राजेंद्र राठौड़, रामलाल मीणा ,रामलाल शर्मा ,लक्ष्मण मीणा, वासुदेव देवनानी ,शंकर सिंह रावत, शकुंतला रावत ,सतीश पूनिया ,सुमित गोदारा, सुरेश टांक, हमीर सिंह भायल, इस सत्र में सवाल नहीं लगा पाएंगे.
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