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ग्रीन पटाखों को राजस्थान सरकार ने दी इजाजत, एनसीआर के इलाकों में प्रतिबंध जारी
Deepa Sahu
15 Oct 2021 6:39 PM GMT
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त्योहारी सीजन से पहले राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर राज्य में ग्रीन पटाखों के उपयोग और बिक्री की अनुमति दे दी।
त्योहारी सीजन से पहले राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर राज्य में ग्रीन पटाखों के उपयोग और बिक्री की अनुमति दे दी। राज्य सरकार ने 30 सितंबर को जारी एक आदेश में कोविड-19 और अन्य बीमारियों के रोगियों को उनके जहरीले धुएं से होने वाले खतरे को देखते हुए 1 अक्टूबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
एनसीआर को छोड़कर बाकी जगह मिली अनुमति
हालांकि, गृह विभाग ने शुक्रवार को एक संशोधित एडवाइजरी जारी कर राज्य में एनसीआर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर ग्रीन पटाखों के उपयोग और बिक्री की अनुमति दे दी।आदेश में कहा गया है कि एनसीआर को छोड़कर राजस्थान में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति होगी। दिवाली, गुरुपर्व और अन्य त्योहारों (रात 8 बजे से 10 बजे तक), छठ के दौरान (सुबह 6 बजे से 8 बजे तक) और क्रिसमस व नए साल पर (रात 11.55 से 12.30 बजे तक) हरे पटाखों के उपयोग की अनुमति होगी।
हालांकि, खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में प्रतिबंध लागू रहेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वेब पोर्टल पर वायु गुणवत्ता सूचकांक की जांच की जा सकती है। आदेश में कहा गया है कि नीरी (NEERI) मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रैकर बॉक्स पर क्यूआर कोड को स्कैन करके ग्रीन पटाखों की पहचान की जा सकती है।
तमिलनाडु ने लगाई गुहार
वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अपने-अपने राज्यों में ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति देने की मांग की। स्टालिन ने अशोक गहलोत, अरविंद केजरीवाल व नवीन पटनायक को लिखे इस पत्र में इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का हवाल देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि राज्य एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक पटाखे चलाने की मंजूरी दे सकते हैं।
असल में तमिलनाडु पटाखों का बड़ा निर्माता राज्य है। एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते एनजीटी ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था, लेकिन राज्य सरकारों ने पटाखों पर प्रतिबंध बरकरार रखा है, जिससे पटाखे बनाने वालों को काफी नुकसान हो रहा है।
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