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नई दिल्ली | देश के विभिन्न हिस्सों में मॉनसूनी बारिश जारी है, खासकर पहाड़ी राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड से लेकर मैदानी राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा दिल्ली में हालात काफी डरावने हैं। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में बादल फटने की खबर है तो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। गुजरात के राजकोट और गिरी सोमनाथ समेत कई बड़े शहरों में बाढ़ आ गई है। वहीं, महाराष्ट्र में बारिश के कहर के चलते राज्य में पिछले 10 दिनों से कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का विकराल रूप बरकरार है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले चार दिनों के लिए कई राज्यों में एक बार फिर चेतावनी दी है।
आईएमडी के मुताबिक, पश्चिमी और मध्य भारत के हिस्सों में अगले चार दिन भारी बारिश का अनुमान है। गुजरात को महाराष्ट्र में भारी बारिश के चलते जल सैलाब देखने को मिल रहा है। आईएमडी की मौसम वॉर्निंग के मुताबिक, दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर रविवार के दिन भारी जलभराव देखने को मिला। लोग हाथों में जूते लेकर एयरपोर्ट के अंदर जाते हुए दिखे। उधर, महाराष्ट्र के रायगढ़ और यवतमाल, मुंबई समेत कई हिस्सों में बुरा हाल है। राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल ने कहा कि पिछले 10 दिनों में विदर्भ में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण महाराष्ट्र में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें यवतमाल जिले से तीन लोग शामिल हैं। उधर, कर्नाटक में मंगलवार से हो रही भारी बारिश और महाराष्ट्र से आ रहे पानी के कारण बेलगावी जिले में दो लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में, शुक्रवार रात और शनिवार की तुलना में रविवार को बारिश की तीव्रता कम रही, हालांकि दोनों हिमालयी राज्यों के बड़े हिस्सों में यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ी। भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश में लगभग 700 और उत्तराखंड में 330 सड़कें अवरुद्ध हो गईं हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्रमुख नदियां, गंगा और सतलज उफान पर हैं। हिमाचल आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "अगले चार दिनों में अधिक बारिश की आशंका से स्थिति बिगड़ सकती है।" जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में बादल फटने की खबर है। कुपवाड़ा के मुख्य कृषि अधिकारी गुरदीप सिंह ने कहा, गनीमत की बात यह है कि इस घटना में कोई हताहत या क्षति नहीं हुई है।
दिल्ली में एक बार फिर यमुना नदी उफान पर है। रविवार देर रात नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर 206.44 मीटर पर चला गया। प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए 60 टीमों को अलर्ट पर रखा है। प्रशासन की टीम ने रविवार के दिन बाढ़ की आशंका को देखते हुए तैयारियों का जायजा भी लिया। अधिकारियों का कहना है कि वे हर खतरे से निपटने को तैयार हैं।
गुजरात में, जूनागढ़ जिले में रविवार को बाढ़ का पानी कम हो गया और अधिकारियों ने लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया। मौसम कार्यालय ने गुजरात के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए कहा कि राज्य में 24 जुलाई को "भारी से बहुत भारी बारिश" होने की उम्मीद जताई है। अगले 24 घंटों में देवभूमि द्वारका, राजकोट, भावनगर और वलसाड जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की गई है।
राजस्थान में, दक्षिण-पश्चिमी और पश्चिमी जिलों में मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जबकि जोधपुर में भारी बारिश के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर में जल जमाव हो गया। राज्य की राजधानी जयपुर में मौसम विभाग के निदेशक राधे श्याम शर्मा ने कहा, "मानसून अगले तीन से चार दिनों तक सक्रिय रहेगा, जिसके बाद यह कम हो जाएगा।" उधर, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश से लेकर पश्चिमी राजस्थान तक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके चलते राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है।"
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण करीब 4,500 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अत्यधिक बारिश के चलते होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए हम हाई अलर्ट पर है। अगले चार दिनों में राज्य में भारी बारिश की संभावना है|
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Harrison
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