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नई दिल्ली। देशभर में जारी भारी बारिश की वजह से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थिति ये है कि देश के 17 राज्यों के 174 जिलों में बाढ़ के हालात है। वहीं बाढ़ और बारिश की वजह से अब तक देश भर से 546 लोगों के मौत की खबर सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक, तमाम घटनाओं में 477 लोग घायल हुए हैं। 8764 घर बर्बाद, 8418 पशुओं की मौत और 50 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद होने की जानकारी मिली है।
उत्तराखंड में भूस्खलन की वजह से एक दुर्घटना होने की जानकारी सामने आ रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तरकाशी-गंगोत्री राजमार्ग पर मलबे की चपेट में आने से 3 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिस कारण वाहन में सवार चार लोगों के हताहत एवं कुछ लोगों के घायल होने का अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुआ है। जिला प्रशासन व SDRF द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है और घायलों को समुचित उपचार प्रदान किया जा रहा है। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना करता हूं। समस्त देवतुल्य जनता से मेरा अनुरोध है कि भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा करने से बचें।
यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। फिलहाल दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज के ऊपर से पानी बह रहा है। एहतियात के तौर पर इस ब्रिज को बंद कर दिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार की सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 206.32 मीटर पर पहुंच गया था। अगर नदी का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंच जाता है तो दिल्ली में बाढ़ आने का खतरा हो सकता है। वहीं उत्तर भारत के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। बारिश से संबंधित घटनाओं में सोमवार (10 जुलाई) तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। राहत और बचाव अभियान तेज करने के लिए सेना और एनडीआरएफ की कई टीम को तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से स्थिति के बारे में बात की और उन्हें केंद्र सरकार से हर संभव मदद और सहयोग का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक बारिश से पैदा हुई स्थिति की वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा की। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से 18 लोगों की मौत हो गई। वहीं, पंजाब और हरियाणा में नौ, राजस्थान में सात और उत्तर प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई। उत्तर भारत में, दिल्ली में यमुना सहित कई नदियां उफान पर हैं।
उत्तर भारत के कई इलाकों में सड़कें और आवासीय इलाके घुटने तक पानी में डूब गए हैं। कई जगहों पर सैलाब में वाहन बहते नजर आए। रविवार को रिकॉर्ड बारिश के कारण नगर निकाय भी स्थिति सुधारने में असहाय नजर आए। उत्तर भारत के चार राज्यों में हो रही भारी बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की कुल 39 टीम तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ की 14 टीम पंजाब में काम कर रही हैं, जबकि एक दर्जन टीम हिमाचल प्रदेश, आठ उत्तराखंड और पांच हरियाणा में तैनात हैं।
एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया, ”बचाव अभियान वास्तविक स्थिति के अनुसार और राज्य के अधिकारियों के समन्वय से चलाया जा रहा है।” पंजाब में भारी बारिश के कारण पानी भर जाने के बाद सेना ने राज्य के एक निजी विश्वविद्यालय से 910 छात्रों और 50 अन्य को बचाया। पंजाब और हरियाणा में नागरिक प्रशासन ने पूर्व में सेना से बचाव अभियान के लिए मदद मांगी थी और सेना ने दोनों राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की सहायता के लिए पश्चिमी कमान की बाढ़ राहत टुकड़ियों को भेजा है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से शिमला में चार और लोगों की जान चली गई। पर्वतीय राज्य में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश के कारण शिमला-कालका राजमार्ग सोमवार सुबह अवरुद्ध हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”पिछले दो दिन में राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है। चंद्रताल में तथा लाहौल एवं स्पीति में पागल एवं तेलगी नाले के बीच फंसे 400 पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं। राज्य में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, घरों को नुकसान पहुंचने और कई लोगों की मौत होने के एक दिन बाद मौसम विभाग ने सोमवार को ‘अत्यंत भारी बारिश’ के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया।
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