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गुजरात के राजकोट और जामनगर में भारी बारिश के चलते बुरा हाल है. जामनगर में अब तक 35 गांवों से संपर्क नहीं हो पाया है. वहीं जलभराव की वजह से गांव के ज़्यादातर लोग घर की छतों पर मदद के इंतजार में बैठे हैं. एमडीआरएफ की टीम को यहां तैनात किया गया है. साथ ही एयरफोर्स के प्लेन के जरिए लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. गुजरात में भारी बारिश के कारण अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. सौराष्ट्र में कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ भी राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई है.
अब तक कई लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. एनडीआरएफ ने जामनगर के कालावाड में रेस्क्यू करते हुए 31 लोगों की जान बचाई. जामनगर जिले में 18 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं और कई गांवों को अलर्ट किया गया है. इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के बीच बातचीत के बाद दिल्ली और पंजाब से 5 NDRF की टीम जामनगर भेजी जाएंगी.
राजकोट का भी हाल बेहाल है. वहां जिला कलेक्टर ने मूसलाधार बारिश के कारण स्कूल और कॉलेजों में एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी है. फिलहाल प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रशासन हर जतन कर रहा है. तो वहीं चार्ज संभालने के बाद सीएम भूपेंद्र पटेल ने पहली मीटिंग की. इसमें राज्य के चीफ सेक्रेटरी और दूसरे अधिकारियों के साथ मिलकर जामनगर और राजकोट में आई भारी बारिश के हालात पर चर्चा की गई. साथ ही राहत एवं बचाव के इंतजाम कैसे हों, इस पर भी मीटिंग की गई.
गुजरात के जामनगर, राजकोट समेत कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हैं. इसी बीच जामनगर जिले में सोमवार को कुछ लोगों के फंसे होने की खबर आई. करीब तीन गांव के लोग यहां चारों ओर पानी-पानी होने के कारण फंस गए थे.
सोमवार सुबह भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने जिला कलेक्टर से बात भी की थी और जल्द से जल्द रेस्क्यू मिशन पूरा करने को कहा. भूपेंद्र पटेल के निर्देश के बाद प्रशासन एक्टिव हुआ और लोगों को निकालने का काम जारी है.
बह गई गाड़ी, हेलिकॉप्टर से हो रहा रेस्क्यू
जामनगर और आसपास के इलाकों में नदियां उफान पर हैं, कई जगह नदियां खतरे का निशान पार कर चुकी हैं. ऐसे में आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
जामनगर में लगातार हो रही बारिश से क्या हाल है, इसका अंदाजा वहां से आ रही तस्वीरों से लगाया जा सकता है. यहां एक गाड़ी पानी में बह गई, पानी की उफान इतना ज्यादा था कि रेस्क्यू भी नहीं हो सका. वहीं, जो लोग छत पर फंसे हुए हैं, उन्हें हेलिकॉप्टर की मदद से बाहर निकाला जा रहा है.
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