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बारिश : उत्तराखंड में टूटा100 साल पुराना रिकॉर्ड, गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही 

Rani Sahu
19 Oct 2021 6:48 PM GMT
बारिश : उत्तराखंड में टूटा100 साल पुराना रिकॉर्ड, गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही 
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पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और दक्षिणी-पूर्वी हवाओं के गठजोड़ के चलते मौसम के बदले मिजाज ने पहाड़ से लेकर मैदान तक ना सिर्फ मूसलाधार बारिश हुई

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और दक्षिणी-पूर्वी हवाओं के गठजोड़ के चलते मौसम के बदले मिजाज ने पहाड़ से लेकर मैदान तक ना सिर्फ मूसलाधार बारिश हुई और भारी तबाही हुई, वरन मूसलाधार बारिश ने 100 साल से अधिक पुराने कई रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार कुमाऊं क्षेत्र के मुक्तेश्वर में 107 साल पहले 18 सितंबर 1914 को हुई 254.5 मिलीमीटर बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। पिछले 24 घंटे में मुक्तेश्वर में 340.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। चंपावत में जहां 580 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई वहीं नैनीताल में 530, ज्योलीकोट में 490 मिमी, भीमताल में 400 मिमी, हल्द्वानी में 300 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
मौसम विभाग के मुताबिक चंपावत के पंचेश्वर में 510, देवीधुरा में 370, लोहाघाट में 330, चलथी में 290, बस्तिया में 250, बनबसा में 130 और टनकपुर में 120 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावाऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर में 480, काशीपुर में 180, खटीमा में 210, गूलरभोज में 470 मिमी बारिश हुई। अल्मोड़ा के तालुका में 290, अल्मोड़ा शहर में 220, द्वाराहाट में 190, रानीखेत में 170, चौखुटिया में 160, सोमेश्वर में 140 मिलीमीटर बारिश हुई। बागेश्वर के सामा में 310, नीती में 290, लोहारखेत में 200 और बागेश्वर में 160 मिलीमीटर तो वही पिथौरागढ़ में गंगोली में 330, मिलीमीटर थल में 240, मिलीमीटर बेरीनाग में 230, डीडीहाट में 160, मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में 140, थलीसैंण में 140, लैंसडौन में 100, मिलीमीटर, श्रीनगर में 130, धूमाकोट में 110 मिमी बारिश हुई है। चमोली के जोशीमठ में 190, कर्णप्रयाग 130, और गैरसैंण में 120 मिलीमीटर बारिश हुई। रुद्रप्रयाग में 110, गंगानगर में 100 मिलीमीटर तो टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में 120 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
पंतनगर में टूटा 31 साल पुराना रिकॉर्ड
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक मौसम के बदले मिजाज के चलते पंतनगर में भी बारिश का 31 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा है। पंतनगर में 10 जुलाई 1990 में 228 मिलीमीटर बारिश हुई थी। जबकि पिछले 24 घंटे में पंतनगर में 403.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है जो पहले की तुलना में औसतन दोगुना है।
गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही
पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं के गठजोड़ का असर गढ़वाल क्षेत्र की तुलना में कुमाऊं क्षेत्र में अधिक देखने को मिला। परिणामस्वरूप कुमाऊं क्षेत्र के जिलों में मूसलाधार बारिश में बहुत अधिक तबाही मचाई है। पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं की सक्रियता बहुत अधिक होने की वजह से नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत जैसे तमाम जिलों में भारी तबाही हुई।
1.1 मिलीमीटर की जगह पूरे राज्य में 122 मिलीमीटर औसत बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के भीतर पूरे राज्य में औसतन 1.1 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना पूर्व में जताई गई थी, लेकिन मानसून के बदले मिजाज से पूरे राज्य में 122 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई जो अपने आप में बहुत अधिक है।
इन क्षेत्रों में रहेगा असर
उत्तराखंड में भारी तबाही मचाने के बाद अब पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं का गठजोड़ वेस्टर्न हिमालयन रीजन में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों के साथ ही अफगानिस्तान और दक्षिणी ताजिकिस्तान के साथ ही पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भारी बारिश के साथ तबाही मचाएगा। मौसम विज्ञानियों की मानें तो 22 से 23 अक्तूबर तक दो दिनों तक वेस्टर्न हिमालयन रीजन में पश्चिमी विक्षोभ दक्षिणी पूर्वी हवाएं पूरी तरह सक्रिय होंगी। परिणामस्वरूप इन इलाकों में भारी भारी बारिश व बर्फबारी देखने को मिलेगी।
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