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नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने अपने वेंडरों में से एक के रूप में 22 वंदे भारत ट्रेनों के लिए सीटिंग सिस्टम, पैनलिंग प्रदान करने के लिए टाटा स्टील के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। रेल मंत्रालय ने 2024 की पहली तिमाही तक वंदे भारत के पहले स्लीपर संस्करण को चलाने का लक्ष्य निर्धारित करने के अलावा अगले दो वर्षों में 200 वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्पादन कार्य में तेजी लाने के लिए टाटा स्टील के साथ करार किया गया है।
फर्स्ट एसी से लेकर थ्री-टियर कोच तक की 22 वंदे भारत ट्रेनों की सीटों का निर्माण अब टाटा स्टील द्वारा किया जाएगा। ट्रेन के लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच बनाने का ठेका भी कंपनी को दिया गया है, जिसके तहत पैनल, विंडो आदि के स्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं।
योजना के तहत रेलवे ने बहुराष्ट्रीय स्टील कंपनी को ट्रेन के पुर्जे बनाने के लिए करीब 145 करोड़ रुपये का टेंडर दिया है, जिसे 12 महीने में पूरा करना है।
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिजनेस) देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा, 'इस ट्रेन की सीटों को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जो 180 डिग्री तक घूम सकती है और इसमें विमान जैसी यात्री सुविधाएं हैं, जो भारत में पहली बार है। ”
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Deepa Sahu
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