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रेलवे ने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज पर ट्रैक बिछाना शुरू किया, देखें अद्भुत तस्वीरें
jantaserishta.com
22 Feb 2023 5:39 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| रेलवे ने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर दिया है। यह पुल कटरा से बनिहाल तक एक महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करता है और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब रेलवे पुल पर पटरी बिछाने का काम मंगलवार को शुरू हो गया। यह पुल नदी तल से 359 मीटर ऊपर स्थित है। रेलवे ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, यूएसबीआरएल परियोजना में एक और मील का पत्थर! चिनाब ब्रिज पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू। एक बार पूरा हो जाने पर, यह पुल जम्मू और कश्मीर के दूरस्थ क्षेत्रों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
रेल अधिकारियों के मुताबिक, इस पुल की लंबाई 1.3 किलोमीटर है जो पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। पुल का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था, लेकिन क्षेत्र में लगातार तेज हवाओं को देखते हुए रेल यात्रियों की सुरक्षा के पहलू पर विचार करने के लिए 2008-09 में इसे स्थगित कर दिया गया था। एक बार काम पूरा हो जाने के बाद, पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करने में भी सक्षम होगा और इसकी कार्य अवधि 120 साल होगी।
जानकारी के अनुसार, इस साल दिसंबर तक पूरे कश्मीर को कन्याकुमारी तक रेल के जरिए जोड़ दिया जाएगा। दरअसल, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का 90 फीसदी काम पूरा हो गया है। यूएसबीआरएल अधिकारीयों के अनुसार जम्मू और कश्मीर को जोड़ने वाली लाइन के लिए सभी जरूरी सुरंगें बनकर तैयार हो चुकी हैं। और बाकी के काम के साथ चिनाब रेलवे पुल पर पटरी बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है।
कटरा-बनिहाल का 111 किमी लंबा रेल खंड बन रहा है। ये सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इस लाइन का 97.34 किमी हिस्सा सुरंगों से गुजरता है। इसमें जम्मू से बारामुला तक पहाड़ों, ढलानों और भूकंप वाला संवेदनशील इलाका हैं। इसी कारण इसमें 27 प्रमुख पुल और 10 छोटे पुल बनाने पड़े हैं। इसमें से प्रमुख 21 बनकर तैयार हैं। इसी खंड में चिनाब ब्रिज भी है।
दूरदराज के इलाकों में निर्माण स्थलों तक पहुंचने के लिए 203 किमी नई सड़कें बनानी पड़ीं। एक अधिकारी ने कहा कि कटरा-बनिहाल खंड के तहत 163.88 किलोमीटर (सुरंगें मिलाकर) में से 162.6 किमी का काम पूरा हो चुका है। वहीं 117.7 किमी में से 31.3 किलोमीटर ट्रैक बनकर तैयार है। दिसंबर में भारत की सबसे लंबी एस्केप टनल, जो बनिहाल-कटरा रेलवे लाइन पर 12.89 किमी लंबी है, पूरी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि साल 1905 में कश्मीर के तत्कालीन महाराजा ने मुगल रोड के रास्ते से श्रीनगर को जम्मू से जोड़ने वाली रेलवे लाइन बिछाने की घोषणा की थी। शुरुआती काम के बाद परियोजना का काम अटक गया। उसके बाद एक बार फिर मार्च 1995 में 2500 करोड़ रुपये की लागत से काम शुरू किया गया और फिर था साल 2002 मे वाजपेयी सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया, तब इसकी लागत 6000 करोड़ रुपए हो गई। हालांकि आज इस परियोजना की लागत 27,949 करोड़ रुपये हो चुकी है।
लाइन बिछाने का काम भौगोलिक समस्याओं से भरा हुआ था। इन सबसे पार पाते हुए अब यह नेटवर्क तैयार होने की तरफ पहुंच गया है। ये प्रोजेक्ट 20 वर्षो की देरी से चल रही है।
इस रेलवे लाइन के चालू होने से कश्मीर की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इस रेल के चलने से देश के पर्यटक ट्रेन से कश्मीर जा सकेंगे। इसके बाद कश्मीर के सेब जैसे फल को आसानी से देश के बाकी हिस्सों में तेजी से पहुंचाया जाएगा। दक्षिण भारत को सीधे कश्मीर से जोड़ा जा सकेगा। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक उत्पादन में वृद्धि करेगा।
Track laying work started on the world’s highest rail arch bridge. #ChenabBridge pic.twitter.com/RuTrj1J1Oc
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) February 21, 2023
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