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रेल की पटरी टूट गई...मचा हड़कंप, रेल अधिकारियों ने क्या बताया?
jantaserishta.com
11 Nov 2024 11:56 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
गाड़ियों को रोका गया.
छपरा: छपरा वाराणसी रेलखण्ड पर आज यानी 11 नवंबर की सुबह छपरा जंक्शन और गौतम स्थान स्टेशन के बीच रेल पोल संख्या 5/31 के पास अप लाइन पर रेल की पटरी टूट गई, जिसके कारण पटरी के बीच लगभग 3 इंच का गैप आ गया. पटरी के टूटने से लगभग एक घण्टे तक अप लाइन पर परिचालन बाधित रहा. रेलकर्मियों ने अस्थायी तौर पर मरम्मत करके ट्रेनों का परिचालन 20 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से शुरू करवा दिया है. रेल अधिकारियों ने किसी भी आपराधिक षड्यंत्र या तोड़फोड़ की घटना से इनकार किया है. इसी ट्रेक पर कोलकाता से गाजीपुर सिटी जाने वाली साप्ताहिक ट्रेन भी गुजरने वाली थी, जिसे ट्रैक मैन गौतम ने तत्परता दिखाते हुए पहले ही रोक दिया था.
इसी रेल ट्रैक से कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का संचालन होता है, जिसमें छपरा से लखनऊ जाने वाली वन्दे भारत ट्रेन, डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस, साबरमती एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी सहित दर्जनों महत्वपूर्ण मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ियां शामिल है. रेल ट्रैक के टूटने की सूचना रेल ट्रैक का नियमित परीक्षण कर रहे ट्रैक मैन गौतम ने देखकर सबसे पहले अपने अधिकारियो को दिया. अधिकारियों के निर्देश पर ट्रैक मैन गौतम ने रेल पटरी पर पटाखा लगाकर छपरा जंक्शन की तरफ से आ रही ट्रेन को रोका.
अप लाइन पर रेल ट्रैक टूटने के कारण गाड़ियों को रोक दिया गया. सिर्फ डायन लाइन से ही बलिया की तरफ से आने वाली ट्रेनों का संचालन जारी रहा. ट्रैक की मरम्मत के लिए छपरा जंक्शन और सुरेमनपुर जंक्शन से रेल कर्मियों की टीम ने आकर मौके पर पहुंचकर पटरी की मरम्मत की. टूटी हुई पटरी के बीच मे पटरी का टुकड़ा लगाकर फिश प्लेट और क्लैम्प लगाकर अस्थायी तौर पर मरम्मत कर अप लाइन से 20 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से कॉशन पर ट्रेनों को चलाया जा रहा है.
इस ट्रैक के टूटने की सूचना देने वाले ट्रैकमैन गौतम ने बताया कि वह रोज की तरह रेल पटरी की जांच कर रहे थे. उसी दौरान उन्हें इलेक्ट्रिक रेल पोल 5/31 के पास अप लाइन की रेल पटरी में 3 इंच का गैप नजर आया और उन्होंने तुरन्त इसकी सूचना अपने वरीय अधिकारियों को दी. उसके बाद अप लाइन पर आ रही ट्रेन नम्बर 13121 जो कोलकाता से गाजीपुर जा रही थी, उसको रोकने के लिए ट्रैक पर पटाखा लगाया गया. पटाखा लगाने के बाद ट्रेन रूक गई. ट्रैक मैन ने यह भी बताया कि कुछ ही समय पहले इसी ट्रैक से छपरा से दुर्ग जाने वाली ट्रेन नम्बर 15159 सारनाथ एक्सप्रेस भी गुजरी थी. ट्रैक मैन गौतम ने बताया कि अगर इसी टूटी ट्रैक पर ट्रेनों को चलाया जाता तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था, जो समय रहते बच गया.
टूटे रेल ट्रैक की मरम्मत के लिए पहुंचे PWI राजकुमार ने बताया कि ठंड के मौसम में पटरी में संकुचन होता है, जिससे पटरी में क्रैक हो जाता है. इसकी अस्थायी तौर पर मरम्मत की जा रही थी, ताकि ट्रेनों का संचालन बाधित नही होने पाए. वहीं, जल्द ही टूटी रेल पटरी को पूरी तरह बदल दिया जाएगा ताकि परिचालन पूरी तरह से सामान्य रूप से चल सके. जब तक पटरी नही बदली जाती है, तब तक इस अप लाइन से 20 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से ट्रेनों को यहां से चलाया जाएगा.
टूटे रेल ट्रैक की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे छपरा जंक्शन RPF के सहायक सुरक्षा आयुक्त मुकेश पंवार ने पटरी की जांच पड़ताल की और तकनीकी कर्मियों से इसकी जानकारी ली. उन्होंने किसी भी आपराधिक षड्यंत्र की संभावना से पूरी तरह इंकार करते हुए कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ ने पटरी टूटने का कारण ठंड का मौसम बताया है. ठंड के मौसम में पटरी सकुंचित होती है. इसी कारण यह पटरी टूटी है, लेकिन इसकी जांच पड़ताल के लिए डॉग स्क्वायड की भी टीम बुलाई जा रही है. बता दें कि डॉग स्क्वायड बुलाना इस तरह की घटना में जांच प्रक्रिया का हिस्सा है.
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