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रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार 2022: पश्चिम मध्य रेल के 1 अधिकारी और 4 कर्मचारी होगें पुरस्कृत

Nilmani Pal
24 May 2022 8:06 AM GMT
रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार 2022:  पश्चिम मध्य रेल के 1 अधिकारी और 4 कर्मचारी होगें पुरस्कृत
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दिल्ली। भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे बोर्ड स्तर का 67 वें वार्षिक रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 के घोषित पुरस्कारों में पश्चिम मध्य रेल के 01 अधिकारी एवं 04 कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की घोषणा हुई है। रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे बोर्ड स्तर का 67 वें वार्षिक रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार, 2022 के घोषित पुरस्कारों में पश्चिम मध्य रेल के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा रेल मंत्री स्तर पर नामित होकर पमरे को गौरवाविन्त किया है। पुरस्कार पाने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों का विवरण निम्नानुसार हैं:-

1) तुषार सारस्वत, वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक/कोटा

2) वर्निका हेन्ड्रिक्स, मुख्य नर्सिंग अधीक्षक/केन्द्रीय चिकित्सालय/जबलपुर

3) प्रेम कुमार निराला, वरिष्ठ चल लेखा निरीक्षक/मुख्यालय लेखा विभाग/जबलपुर

4) दर्शना महावर, टेक्नीशियन ग्रेड -I /कोटा

5) मुकेश सिंह माहोर, टेक्नीशियन ग्रेड - II/भोपाल

परिचालन विभाग के, श्री तुषार सारस्वत, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, कोटा अत्यंत समर्पित, ईमानदार और मेहनती अधिकारी हैं। कोटा मंडल की व्यवसाय विकास इकाई के समन्वयक के रूप में इनके प्रयासों और दृढ़ता के कारण, वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान दिसंबर 2021 तक कुल 6.258 मीलियन टन का भार प्राप्त करने में सक्षम रहा तथा कोटा मंडल को इस अवधि में रुपये 614.77 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। इन्होंने मांडलगढ़ में एक नया सीआरटी (कंटेनर रेल टर्मिनलद्) स्थापित करने में असाधारण योगदान दिया है। मांडलगढ़ में नया सीआरटी भीलवाड़ा क्षेत्र के स्टोन और यार्न यातायात को बढ़ावा मिला हैं। इससे मांडलगढ़ से लगभग 9 रैक प्रति माह लदान में वृद्धि हुई हैं।

चिकित्सा विभाग की, श्रीमती वर्निका हेन्ड्रिक्स, मुख्य नर्सिंग अधीक्षक/केन्द्रीय चिकित्सालय/जबलपुर द्वारा वर्ष 2021-22 के दौरान उत्कृष्ट कार्य करते हुए कोविड-19 के समय कोविड आइसोलेशन वार्ड एवं आकस्मिक चिकित्सा में कोविड संक्रमित मरीजों का बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई। महामारी के दौरान ट्रेन से यात्रा कर रहे कोविड रोगियों को अटेण्ड कर उचित इलाज भी किया गया। श्रीमती वर्निका द्वारा श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में प्रसव पीड़ा होने पर महिला यात्री को अटेण्ड किया और स्वस्थ नवजात शिशु प्रसव करवाया गया। कोविड की अवधि के दौरान अपने अधीन काम कर रहे स्टाफ को भी कोविड के इलाज के संबंध में प्रशिक्षण दिया।

लेखा विभाग के, श्री प्रेम कुमार निराला, वरिष्ठ चल लेखा निरीक्षक/मुख्यालय/जबलपुर द्वारा वर्ष 2021-22 में उत्कृष्ट कार्य करते हुए पश्चिम मध्य रेलवे पर टीईएफडी (ट्रेडिनशल ईम्पटी फ्लो डायरेक्शन) के तहत छूट योजना के बंद होने से प्रति माह लगभग रुपये 2.5 करोड़ राजस्व में वृद्धि हुई है। 15.09.2021 से 31.12.2021 तक रेलवे को लगभग रु. 8.75 करोड़ की वृद्धि की गई है। इनके द्वारा शंटिंग प्रभार, विलंब शुल्क प्रभार, घाट शुल्क प्रभार, दंडात्मक प्रभार और निरोध प्रभार के कारण बकाया/कम प्रभारों का पता लगाने में सक्रिय रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वर्ष 2021-22 में जबलपुर मंडल के साइडिंग एवं गुड्स शेड में रु. 37,84,243/- का डेबिट बढ़ा। वर्ष 2021-22 के दौरान ट्रेनों में बिना टिकट/अनियमित टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से रुपये 60,094/- की राशि वसूल करने में भी अहम भूमिका निभाई।

वैगन मरम्मत कारखाना, कोटा की, श्रीमती दर्शना महावर, टेक्नीशियन ग्रेड-I (वेल्डर) द्वारा वर्ष 2021-22 में उत्कृष्ट कार्य करते हुए BOXNHL और स्टेनलेस स्टील वैगनों की मरम्मत में वैगनों के महत्वपूर्ण जोड़ों में गहरी रुचि ली। विशेष रूप से उच्च जटिल 107 BOXNHL वैगनों और स्टेनलेस स्टील वैगनों की मरम्मत की जिससे ये वैगन भारतीय रेलवे में वाणिज्यिक सेवाओं में वापस लाने में सक्षम बने और प्रतिदिन 10,70,000 रुपये (रेलवे डेटा बुक के अनुसार) का राजस्व अर्जित किया जा रहा है जो लगभग 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय के बराबर है। श्रीमती दर्शना महावर द्वारा 70 वैगन बीटीपीएन के सेंटर साइल को संशोधित कर स्टिफ़र प्लेट एवं टी-जॉइंट लगाने का कार्य प्रभावी ढंग से किया गया।

भोपाल मण्डल के, मुकेश कुमार माहोर, टेक्नीशियन ग्रेड-II, वरिष्ठ खण्ड अभियंता/रेलपथ/मोहना के अधीन कार्यरत् हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान उत्कृष्ट कार्य करते हुए भोपाल मंडल के गुना-ग्वालियर रेलखंड के मध्य अत्यधिक वर्षा के कारण परखेड़ा-मोहना रेलखंड में एक बड़ी दरार आ गई। श्री मुकेश कुमार माहोर द्वारा ड्यूटी के दौरान इस दरार को देखा गया। उन्होंने स्टेशन मास्टर और एसएसई/पीडब्ल्यू को सूचित करने की कोशिश की लेकिन सेक्शन में सिग्नल संचार खो गया था और किसी के साथ संवाद करने का कोई तरीका नहीं था। इस स्थिति में श्री मुकेश ने तुरंत अपनी सर्तकता एवं सूझबूझ से परखेड़ा छोर से आने वाली एक निर्धारित यात्री ट्रेन को रोकने के लिए दूसरे छोर पर जाकर रेड सिग्नल लगाया और ट्रेन नंबर 01126 को किमी 1219/03 के बीच रोक दिया जिससे ट्रेन दुर्घटना होने से बच गई और लगभग 1000 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित बचाया जा सका।

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