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प्रशिक्षुओं की सीधी नियुक्ति करने की मांग को रेल मंत्रालय ने किया इन्कार, जानिए वजह
Apurva Srivastav
30 Jan 2022 6:49 PM GMT
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रेल मंत्रालय ने सीधी नियुक्ति करने की प्रशिक्षुओं (अप्रेंटिस) की मांग को मानने से इन्कार कर दिया है। रेलवे के प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को बहाली में अन्य उम्मीदवारों पर वरीयता मिलती है,
नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने सीधी नियुक्ति करने की प्रशिक्षुओं (अप्रेंटिस) की मांग को मानने से इन्कार कर दिया है। रेलवे के प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को बहाली में अन्य उम्मीदवारों पर वरीयता मिलती है, लेकिन इसके लिए उन्हें न्यूनतम अर्हक अंक प्राप्त करने के साथ ही चिकित्सा मानदंड को भी पूरा करना होता है। रेल मंत्रालय ने कहा है कि रेलवे में बहाली की निर्धारित प्रक्रिया के बिना नियुक्ति की प्रशिक्षुओं की मांग स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह मांग संवैधानिक प्रविधानों और सरकारी नौकरी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ है।
रेल मंत्रालय ने प्रशिक्षुओं की मांग को संवैधानिक प्रविधानों के खिलाफ बताया
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि पारदर्शी चयन प्रक्रिया के बगैर सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती। बयान के अनुसार रेलवे अगस्त 1963 से प्रशिक्षु अधिनियम के प्रविधानों के तहत आवेदकों को प्रशिक्षित करता है। इन आवेदकों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार बिना किसी परीक्षा के प्रशिक्षु के तौर पर केवल प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा करने वाले उम्मीदवारों को लेवल एक के पदों के लिए स्थानापन्न के तौर पर रखा जाता है। ऐसे अस्थायी कर्मियों को बहाली की निर्धारित प्रक्रिया को पूरा किए बगैर स्थायी कर्मचारी के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेलवे 2017 से राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करता है। इस परीक्षा में इन प्रशिक्षुओं को अन्य उम्मीदवारों पर वरीयता दी जाती है, लेकिन अब प्रशिक्षु मांग कर रहे हैं कि बहाली प्रक्रिया के बिना उनकी सीधी नियुक्ति हो।
गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने नान टेक्नीकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) के रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप के चलते अभ्यर्थियों ने 24 जनवरी से प्रदर्शन करना शुरू किया था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने यूपी और बिहार में रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। विरोध के बाद रेलवे ने परीक्षा को स्थगित कर दिया है और उम्मीदवारों की शिकायतों के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया है।
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