ओड़िशा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और वहां का जायजा ले रहे हैं. उनके साथ रेलवे के आला अधिकारी भी मौजूद हैं. घटनास्थल से जो तस्वीरें हैं वो दिल को चीर देने वाली हैं. हादसे के बाद स्टील की बोगियां खिलौने जैसी पिचक गईं और रेल के पहिए कोच से अलग हो गए. अभी भी गैस कटर के जरिए दुर्घटनाग्रस्त कोचों को काटकर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ लगातार बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प दहल प्रचंड ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट कर कहा, 'ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे के बाद हुए दर्जनों लोगों की मौत की खबर सुनकर दुखी हूं. इस दुख की घड़ी में में पीएम मोदी, सरकार और दुर्घटना पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवदेना व्यक्त करता हूं.'
#WATCH | Railways Minister Ashwini Vaishnaw reaches accident spot in #Balasore where three trains collided yesterday claiming the lives of 233 people and injuring around 900#OdishaTrainTragedy pic.twitter.com/sevsPnEd1r
— ANI (@ANI) June 3, 2023
बता दें कि ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर रात भर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक 237 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. शनिवार सुबह सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में सेना भी शामिल हो गई है. मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शनिवार सुबह अंधेरा छंटा तो इस हादसे की तस्वीर और साफ हुई. बहनागा बजार इलाके में रातभर चीखपुकार मची रही. सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई एसी कोच अगले ट्रैक पर पलट गए थे, लिहाजा इसमें मौतों के आंकड़े सबसे अधिक हैं. एनडीआरएफ को बोगियों के बीच चिपके शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल करना पड़ा तो वहीं, कई घायल ऐसे भी हैं जो क्षतिग्रस्त बोगियों में फंसे हुए हैं.
बचाव अभियान में मदद के लिए सेना ने भी हाथ बढ़ाया है. जिस हिस्से में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई थी, उस हिस्से से यात्रियों के शव बरामद किए जा रहे हैं. हादसे को लेकर दी गई प्रेस रिलीज में सामने आया कि. ट्रेन संख्या है 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के कोच बी2 से बी9 तक के कोच पलट गए थे. वहीं ए1-ए2 कोच भी ट्रैक पर औंधे जा पड़े. वहीं, कोच B1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और अंतत: कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर रह गए. यानि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या अधिकतम हो सकती है और एसी बोगी में सवार लोगों की जानहानि अधिक होने की आशंका है.