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सब रजिस्ट्रार के ठिकानों पर छापे मारी, करोड़ों की संपत्तियां बरामद

jantaserishta.com
18 Dec 2021 1:47 AM GMT
सब रजिस्ट्रार के ठिकानों पर छापे मारी, करोड़ों की संपत्तियां बरामद
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पटना: बिहार में एक सरकारी अधिकारी के ठिकानों पर छापे मारी गई तो इतना कैश बरामद हुआ कि रेड डालने वाली टीम में शामिल अधिकारी हैरान रह गए. पटना स्थित अवास में 60 लाख रुपए नकद, समस्तीपुर स्थित आवास से 1.50 लाख रुपए कैश और मुजफ्फरपुर स्थित आवास में 12 लाख रुपए नकद कैश मिला है. इस तरह से 73.50 लाख रुपए नकद कैश बरामद हुआ है. नोटों की गड्डियां देखकर अधिकारी भी हैरान हैं.

छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में नकदी, जमीन के कागजात, निवेश के कागजात मिले हैं. जबकि बैंकों में जमा और कई जगह निवेश किया गया पैसा लग है. साथ ही करोड़ों रुपए की प्रॉपटी और पांच महंगी कारें भी मिलीं हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में समस्तीपुर के सब रजिस्ट्रार मणि रंजन के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और पटना स्थित तीन ठिकानों पर अलग-अलग टीमों ने एक साथ छापा मारा. आय से अधिक सम्पत्ति के आरोप में की गई. इस छापामारी में आर्थिक अपराध इकाई और निगरानी अन्वेषण की एसयूवी टीम शामिल है.
बता दें कि 16 दिसम्बर को पटना के निगरानी थाना में मणि रंजन के खिलाफ आय से अधिक मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अदालत के आदेश के बाद यह छापेमारी की जा रही है.
एक अधिकारी ने बताया कि पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में एकसाथ छापेमारी शुरू की गई. पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान करीब 60 लाख रुपए नकद, 32 लाख रुपए के एक फ्लैट के दस्तावेज, पत्नी सुनीता के नाम पर 5.5 लाख रुपए के एक प्लॉट के कागजात सहित अपने अन्य रिश्तेदारों के नाम पर कई अचल संपत्ति के कागजात मिले हैं.
इसके अलावा कई लाख की ज्वेलरी, फिक्स्ड डिपोजिट और एलआईसी तथा रियल इस्टेट एवं अन्य निवेश के भी प्रमाण मिले हैं. कई बैंकों के पासबुक भी यहां से बरामद किए गए हैं. समस्तीपुर स्थित आवास से 1.50 लाख रुपए नकद मिले हैं, जबकि आठ लाख रुपए विभिन्न बैंकों में जमा करने के दस्तावेज मिले हैं. इसके अलावा पांच महंगी गाड़ियां भी मिली हैं.
मुजफ्फरपुर स्थित आवास में की गई छापेमारी में अब तक 12 लाख रुपए नकद एवं करोड़ों रुपए की लागत से 21 कमरे के निमार्णाधीन होटल बनाए जाने के प्रमाण मिले हैं. इसके अलावा भी कई तरह के निवेश के दस्तावेज मिले हैं. अधिकारी ने बताया कि अब तक मिले दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हुई है कि आरोपी ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर करोड़ों रुपये के निवेश किए हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक निवेश उनके कटिहार पदस्थापन के दौरान किया गया है, जिस पर जांच चल रही है.
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