पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को चार दिन पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था. पार्थ चटर्जी पर स्कूल जॉब घोटाले का आरोप है. ED ने पार्थ की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से 50 करोड़ से ज्यादा कैश, जेवर, सोने के बिस्कुट बरामद किए हैं. ईडी ने दोनों को गिरफ्तार किया है. हिरासत में पूछताछ कर रही है. दावा किया जा रहा है कि अर्पिता ने ईडी से कहा है कि बरामद पैसा पार्थ का है.
ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के पहले फ्लैट से पिछले हफ्ते 21 करोड़ कैश बरामद किया था. उसके बाद दूसरे फ्लैट से लगभग 28 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए. अब गुरुवार देर शाम तीसरे फ्लैट पर छापा मारा. ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि ये (चिनार पार्क) अपार्टमेंट अर्पिता मुखर्जी का था. हमें संदेह है कि उनके अन्य फ्लैटों की तरह यहां भी नकदी जमा हो सकती है. हम पड़ोसियों से बात कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यहां किस तरह की गतिविधियां हुई हैं.
ईडी अफसर का कहना था कि चूंकि दरवाजा बंद था और चाबियों का पता नहीं चल सका था, इसलिए एजेंसी को केंद्रीय बल के अधिकारियों की मौजूदगी के बीच इसे खोलना पड़ा. इससे पहले दिन में पूछताछ के दौरान मुखर्जी ने उन्हें चिनार पार्क की संपत्ति का ब्योरा दिया. जांच टीम अभी भी उसके फ्लैटों से जब्त किए गए कई किलोग्राम सोने के आभूषणों के मूल्य का पता लगा रहे हैं.
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की सिफारिशों पर सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-सी और डी के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती की गई थी. इसमें कथित अनियमितताओं के आरोप लगे थे. कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. ईडी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रख रही है.
कथित अनियमितताओं के समय पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. ईडी ने पार्थ को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था. उनसे ईडी ने 26 घंटे तक पूछताछ की थी. इससे पहले गुरुवार को दिन में पार्थ से सभी कैबिनेट विभाग और पार्टी के पद छीन लिए गए थे.
पार्थ से सभी मंत्रालय छीने
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बताया कि पार्थ को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. इसके साथ ही पार्टी से निकाल दिया. पार्थ चटर्जी उद्योग, वाणिज्य और उद्यम विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, संसदीय मामलों के विभाग और सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभागों मंत्री थे.
दो दशक तक टीएमसी महासचिव रहे पार्थ
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह तय किया गया है कि पार्थ चटर्जी को पार्टी के सभी पदों से हटाया जा रहा है. जब तक जांच चल रही है, तब तक वह पार्टी से निलंबित रहेंगे. चटर्जी करीब दो दशक तक टीएमसी के महासचिव रहे. उन्हें इस साल की शुरुआत में पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. वह पार्टी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' (वेक अप, बंगाल) के संपादक होने के अलावा, टीएमसी की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य और इसकी अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी थे.
पार्थ को बलि का बकरा बनाया जा रहा: बीजेपी
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि चटर्जी के निर्दोष साबित होने पर ही टीएमसी के दरवाजे खुलेंगे. उन्होंने यह भी मांग की कि जांच एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी की जाए. वहीं, भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेतृत्व चटर्जी को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रहा है. मजूमदार ने कहा- इसमें कई लोग शामिल हैं. अकेले पार्थ को सस्पेंड करने से टीएमसी नहीं बचेगी.
सच्चाई का खुलासा करें पार्थ और अर्पिता: मिथुन
अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती ने चटर्जी को सलाह दी और कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करता हूं कि पार्थ चटर्जी केवल (जब्त) धन का संरक्षक था. इस लूट के पीछे कोई और है. मैं पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों से अनुरोध करता हूं कि वे इस दर्द को न सहें और सच्चाई का खुलासा करें. माकपा नेता और पश्चिम बंगाल से वाम मोर्चे के एकमात्र राज्यसभा सांसद विकास भट्टाचार्य ने कहा- मुख्य अपराधी मुख्यमंत्री हैं. लोगों से उन्हें संवैधानिक रूप से मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए कहें.