यूपी। राजधानी लखनऊ के रकाबगंज में एक हवाला कारोबारी के परिसर से करीब तीन करोड़ रुपए नकदी बरामद की गई है। आयकर विभाग की चार से पांच टीमें देर रात तक छानबीन करती रहीं। नेहरू क्रॉस के पास स्थित परिसर को सील कर दिया गया है। पुलिस ने इस इमारत को घेर रखा है, साथ ही इमारत में और कुछ दुकानें हैं, जहां सर्च ऑपरेशन जारी है। माना जा रहा है कि हवाला कारोबार का यह बड़ा रैकेट है, जिसका नेटवर्क पूरे यूपी में कई जिलों तक फैला हुआ है। चुनाव में धन का अवैध रूप से प्रयोग करने के लिए इस नेटवर्क का सहारा लिया जा रहा था।
जिन दो कारोबारियों के यहां सर्च ऑपरेशन चल रहा है, वे परोक्ष रूप से सुपारी के कारोबारी बताए जा रहे हैं। आयकर की जांच टीमों को इसके पूर्व गोंडा में बड़े पैमाने पर नकदी बरामद होने के बाद सुराग मिले थे। इसके आधार पर लखनऊ के रकाबगंज में छापेमारी शुरू हुई। आयकर सूत्रों के अनुसार पहले एक कारोबारी के पास 35 लाख रुपए बरामद हुए। इसके बाद उसने एक और नाम बताया। वहां ढाई करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद किया गया। कैश को कारोबारी ने अलग-अलग स्थानों पर छिपाकर रखा था। जब राज खुला तो खुलता चला गया। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अन्य जिलों में भी आयकर की टीमें छापेमारी कर सकती हैं। इस मामले में पहली बरामदगी गोंडा के करनैलगंज में हुई। बीते शुक्रवार को एसडीएम, सीओ और कोतवाल की संयुक्त टीम वाहनों की जांच कर रही थी। इस दौरान लखनऊ से आ रही एक कार में 65 लाख रुपए बरामद किए गए। कार सवार लोगों में (बढ़नी) सिद्धार्थनगर के कन्हैया अग्रवाल और चंदन अग्रवाल शामिल थे।
चुनाव आयोग के निर्देश हैं कि यदि कहीं भारी मात्रा में कैश बरामद होता है। मोटे तौर पर 10 लाख या इससे अधिक कैश मिलने पर आयकर विभाग को सूचना देना अनिवार्य है। गोंडा के करनैलगंज में जिन लोगों से रुपए बरामद हुए वो उनका हिसाब नहीं दे पाए। आयकर की टीमों को तुरंत सूचित किया गया। आयकर अधिकारियों ने पूछताछ शुरू की तो लखनऊ के हवाला कारोबारी का नाम सामने आया। बिना देरी किए लखनऊ मुख्यालय को सूचना दी गई और कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई।