राहुल गांधी की प्रेस वार्ता AICC दफ्तर में शुरू, देखें LIVE
रायपुर/दिल्ली। AICC दफ्तर में राहुल गांधी प्रेस वार्ता कर रहे है. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि- मैंने संसद में यह सवाल पूछा कि अडानीजी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ किसी ने इन्वेस्ट किया. यह रकम किसी की.' मैंने संसद में बताया कि पीएम मोदी और अडानी के बीच क्या रिश्ता है. मीडियो रिपोर्ट्स के हवाले से मैंने उन्हें सबूत भी दिए. राहुल गांधी ने कहा- देश में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. संसद में मंत्रियों ने मेरे खिलाफ झूठ बोला. संसद से मेरे भाषणों को हटा दिया गया. उन्होंने कहा- मैं सवाल पूछना नहीं बंद करूंगा. मैं डरने वाला नहीं हूं. राहुल गांधी ने कहा- मोदी जी और अडानी का रिश्ता काफी पुराना है. जब नरेंद्र मोदी जी गुजरात के सीएम बने थे, तब से रिश्ता है. मैंने हवाई जहाज में बैठे उनकी फोटो भी दिखाई है. वह अपने मित्र के साथ बड़े आराम से बैठे हुए थे.
राहुल गांधी ने कहा कि अडानी पर मेरे भाषण से प्रधानमंत्री डरे हुए हैं और मैंने यह उनकी आंखों में देखा है, इसलिए पहले मुद्दे से ध्यान भटकाया गया. उसके बाद मुझे अयोग्य घोषित कर दिया गया. राहुल गांधी ने कहा- मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा. अडानी का नरेंद्र मोदी जी से क्या रिश्ता है? यह मैं पूछता रहूंगा. मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं. मैं लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा. मैं किसी से नहीं डरता.
LIVE: Press briefing by Shri @RahulGandhi at AICC HQ, New Delhi.https://t.co/5AQoMCYZ7d
— KKC INDIA (@kkc_india) March 25, 2023
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में दो साल की सजा सुनाने के बाद शुक्रवार को स्पीकर ओम बिरला ने उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी. उन्हें सूरत सेशंस कोर्ट ने दोषी करार दिया है. वही चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में नई दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी ट्रेन को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर रोक दिया. इस दौरान उन्होंने जमकर हंगामा किया.
राहुल गांधी की सदस्यता छीनने को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने अजीबो-गरीब बयान दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कम से कम सजा होनी चाहिए थी. सजा देने से पहले उनके परिवार की पृष्ठभूमि को देखना चाहिए था. उन्होंने कहा- राहुल को मिनिमम सजा होनी चाहिए थी, मैक्सिमम नहीं. राहुल गांधी के परिवार के लिए सेंटेंस में कानून अलग होना चाहिए लेकिन दोषसिद्धि में नहीं . जब आप अपराधी को दोषी ठहराते हो तो कुछ मत देखिए लेकिन जब आप सजा देते हो उस समय उसका परिवार देखना चाहिए. सजा देने से पहले राहुल गांधी का परिवार देखना चाहिए था.