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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक तपस्या: जेपी अग्रवाल
jantaserishta.com
16 Nov 2022 7:27 AM GMT
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फाइल फोटो
भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव जे.पी. अग्रवाल का मानना है कि देश में हर मामले में आ रही गिरावट के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। उनकी यह यात्रा किसी राजनैतिक लाभ या चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि देश के लोगों को जगाने के लिए है। वास्तव में यह यात्रा एक तपस्या है।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले कांग्रेस ने प्रभारी महासचिव में बदलाव करते हुए लगभग दो माह पहले जे.पी. अग्रवाल को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया है। अग्रवाल लगातार प्रदेश के दौरे कर रहे हैं और पार्टी के नेताओं से संवाद भी। वे ऐसे नेता है जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ रहकर काम किया है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, कांग्रेस में गुटबाजी और अगले साल होने वाले चुनाव के मुद्दों पर आईएएनएस से अग्रवाल ने खुलकर बातचीत की।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर अग्रवाल का कहना है, "राहुल गांधी की यह यात्रा किसी राजनीतिक लाभ या चुनाव के लिए नहीं हो रही है। इस यात्रा का नाम भारत छोड़ो यात्रा नाम दिया, इस नाम के पीछे भी कारण है, क्योंकि राहुल गांधी बहुत दिनों से केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लगातार बोल रहे थे और कह रहे थे कि यह लोग देश को डूबा देंगे, नफरत पैदा कर रहे हैं, आर्थिक तौर पर देश को बबार्दी की कगार पर ले गए हैं, विदेश नीति के मामले में सौ फीसदी फेल रहे हैं, आंतरिक मामलों में भी बुरी तरह असफलता हाथ लगी है। वर्तमान में केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों का क्या हाल है, यह सबके सामने है। कई मुख्यमंत्री जो उनकी पार्टी से नहीं है वह उनके साथ मंच पर बैठने तक को तैयार नहीं हैं।"
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अग्रवाल ने कहा कि देश में हर क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है, इसलिए राहुल गांधी इस यात्रा पर निकले हैं। उनकी यात्रा एक तपस्या है। 35 सौ किलोमीटर पैदल चलना, कोई आसान बात नहीं है। इस यात्रा को उन्होंने एक तपस्या के रूप में लिया है ताकि इस देश को पता चले, वास्तव में देश के क्या हालात हैं और उस नफरत के खिलाफ हमें देश को जोड़ना है जो वर्तमान में बढ़ाई जा रही है।
राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में महाकाल के दर्शन करने जाएंगे, नर्मदा नदी की पूजा करेंगे, इसके अलावा भीमराव अंबेडकर की जन्म स्थली व आदिवासी नायक टंट्या भील के गांव जाने की योजना है। इसको लेकर सियासी तौर पर कई सवाल उठ रहे हैं और जब यह सवाल अग्रवाल से किया गया तो उन्होंने कहा, धार्मिक स्थल और विभिन्न जननायकों के स्थल पर राहुल गांधी के दौरे को राजनीतिक चश्मे से देखना सौ फीसदी गलत है। हर व्यक्ति अपने जीवन में कोई न कोई उद्देश्य रखता है और गांधी इन स्थानों पर जा रहे हैं, यह सभी हमारे देश के महत्वपूर्ण स्थल और प्रमुख नाम हैं। देश का हिस्सा है, उन सभी के बड़े-बड़े त्याग रहे हैं अगर वह उसको शीश नवाते हैं इसमें किसी को क्यों ऐतराज है।
राज्य की कांग्रेस हमेशा गुटबाजी के लिए बदनाम रही है। मगर वर्ष 2018 में कांग्रेस की कमान कमलनाथ के हाथ में आने के बाद गुटबाजी पर विराम लगा। इसी के चलते पार्टी सत्ता में आई और गुटबाजी फिर पनपी, परिणाम स्वरुप सरकार ही गिर गई। पार्टी की गुटबाजी को लेकर अग्रवाल का कहना है, "जब से मुझे प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है तब से न तो मैंने कोई पार्टी विरोधी बयानबाजी सुनी है और न ही कहीं गुटबाजी नजर आई। जहां तक नेताओं की अपनी बात कहने की बात है तो पार्टी एक परिवार है इसमें लोग अपनी बात कहते हैं, उसे गुटबाजी का रूप दे दिया जाए तो मैं उससे सहमत नहीं हूं। मेरा मानना है कि अगर हम पार्टी के दायरे में रहकर अपनी बात कहते हैं तो उसका हक है उन्हें। राज्य का हर नेता और कार्यकर्ता कमलनाथ की बहुत इज्जत करता है और आज तक किसी ने भी उनके खिलाफ नहीं बोला है।"
राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं इसको लेकर अग्रवाल का कहना है कि राज्य का कार्यकर्ता उत्साहित है और पूरी ताकत से चुनाव लड़ने को तैयार है। पार्टी में पूरी तरह एकजुटता है और यही कारण है कि अगले चुनाव में कांग्रेस की जीत होगी और कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी। हां यह बात सही है कि राजनीतिक दल के सामने जो चुनौती होती है वह चुनौती कांग्रेस के सामने भी है, मगर पूरी पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार भी है।
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