राहुल गांधी: हर्षवर्धन के बयान को बताया- दुर्भाग्यपूर्ण,कोरोना से मिलकर लड़ना हो लक्ष्य
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। गांधी ने मंगलवार को कहा कि दूसरों को दोषी ठहराना और उन पर उंगली उठाना उचित नहीं है, बल्कि इस वैश्विक महामारी से मिलकर निपटना चाहिए।
बता दें कि केरल में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच हर्षवर्धन ने कहा था कि ओणम उत्सव के दौरान केरल भारी लापरवाही की कीमत चुका रहा है। उन्होंने कहा था कि उत्सव के चलते सेवाओं को खोल दिया गया था और व्यापार व पर्यटन के लिए यात्रा में बढ़ोतरी हुई थी, जिसके कारण कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैला।
यह उंगली उठाने का समय नहीं: राहुल
इसे लेकर राहुल गांधी ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी है। पूरे देश को इस बीमारी से मिलकर लड़ना होगा। मुझे नहीं लगता कि दूसरों को दोषी ठहराना उचित है। मैंने फरवरी में कहा था कि भारत एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। हालांकि यह उंगली उठाने का समय नहीं है। हम सबको मिलकर काम करना चाहिए।'
गांधी ने कहा, 'स्वास्थ्य कर्मियों समेत केरल के लोगों के मन में संक्रमण से निपटने की भावना यहां अच्छे परिणाम दे रही है। हालांकि यहां भी कुछ कमियां हैं। लेकिन समग्र रूप से देखा जाए, तो मुझे लगता है कि लोगों का उत्साह बीमारी से पार पा लेगा। वायनाड में भी बीमारी को काबू करने की दिशा में अच्छा काम हो रहा है।'
मुख्यमंत्री विजयन ने जताई असहमति
हालांकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे लेकर राहुल गांधी के बयान से सहमति नहीं जताई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर्षवर्धन की टिप्पणी को कोविड-19 प्रबंधन को लेकर सरकार की आलोचना के तौर पर नहीं लेना चाहिए। विजयन ने मामलों में बढ़ोतरी के लिए गैर जिम्मेदाराना विपक्ष को कसूरवार बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति ओणम उत्सव के दौरान और बाद में नियंत्रण में रही, क्योंकि सख्त निगरानी की गई थी। विजयन ने कहा था, 'कोविड-19 को काबू करने के लिए उठाए गए कदम सफल रहे थे, लेकिन राज्य में गैर जिम्मेदार विपक्ष के प्रदर्शनों ने सरकार के प्रयासों को पटरी से उतार दिया।'