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राहुल ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता की पहली प्राथमिकता है महंगाई से छुटकारा व कोरोना वैक्सीन लगवाना

Ritisha Jaiswal
27 May 2021 4:41 PM GMT
राहुल ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता की पहली प्राथमिकता है महंगाई से छुटकारा व कोरोना वैक्सीन लगवाना
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इस पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया, कहा- ये वैक्सीन है, काउंटर पर मिलने वाली कोई साधारण पेरासिटामोल की गोली नहीं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैक्सीनेशन के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग बढ़ती जा रही है। गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार की प्राथमिकता सोशल मीडिया और उस पर अपनी झूठी इमेज बनाना है। जबकि जनता का इससे कोई लेना-देना नहीं है। जनता की प्राथमिकता तो रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से छुटकारा पाना और कोरोना वैक्सीन लगवाना है। उन्होंने सरकार से पूछा कि ये कैसे अच्छे दिन हैं?


राहुल के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल और कुछ नेता जो रोज सवाल पूछ रहे हैं, याद रखें कि ये वैक्सीन है। काउंटर पर मिलने वाली कोई साधारण पेरासिटामोल की गोली नहीं है कि आप गए, उठाया और भारत लेकर चले आए। केंद्र सरकार ने भारत के अंदर वैक्सीन आए इसके लिए कानूनों को अप्रैल में आसान बनाया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत बायोटेक का सिर्फ एक प्लांट था, लेकिन आज 4 प्लांट हैं क्योंकि भारत सरकार ने वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए काम किया है। PSUs को भी उत्पादन बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है और वे भी कोवैक्सिन के उत्पादन में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। दिल्ली को 45 लाख 46 हजार 70 वैक्सीन केंद्र सरकार से मुफ्त दी गई है। अरविंद केजरीवाल ने कंपनियों से 8 लाख 17 हजार 690 डोज का इंतजाम किया है। सिर्फ दिल्ली के निजी अस्पतालों ने अपने बूते पर अभी तक 9 लाख 4 हजार 720 डोज का इंतजाम किया है। दिल्ली सरकार से ज्यादा इंतजाम तो निजी अस्पतालों ने किया है।

प्रियंका ने पूछा था- जिम्मेदार कौन?
एक दिन पहले बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने 'जिम्मेदार कौन?' नाम से कैंपेन चलाकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सरकार बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने देश को वैक्सीन की कमी के दलदल में धकेल दिया। सरकार की वैक्सीन नीति पूरी तरह से फेल हो गई है। उन्हें इन सब की जिम्मेदारी लेनी होगी।
केंद्र सरकार से पूछे थे 3 सवाल
PM मोदी के बयान के मुताबिक, उनकी सरकार पिछले साल ही वैक्सीनेशन के पूरे प्लान के साथ तैयार थी। तब जनवरी 2021 में सिर्फ एक करोड़ 60 लाख वैक्सीनों का आर्डर क्यों दिया गया?
मोदी सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की स्थिति में क्यों आ गया। सरकार इसे भी उपलब्धि की तरह पेश करने की कोशिश क्यों कर रही है?

सर्टिफिकेट पर फोटो मोदी की, लेकिन जिम्मेदारी राज्यों की
प्रियंका ने कहा था कि मोदी सरकार की वैक्सीन नीति की दिशाहीनता के चलते आज देश की 130 करोड़ आबादी की मात्र 11% जनसंख्या को वैक्सीन की सिंगल डोज और 3% जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई है। यही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी की ओर से टीका उत्सव घोषित करने के बाद एक महीने में वैक्सीनेशन में 83% की गिरावट आई है। आज संकट के समय पर बस वैक्सीन सर्टिफिकेट पर PM की फोटो है, बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी गई है।


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