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कश्मीर में आतंकी घटनाओं पर बोले राहुल गांधी- जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं

jantaserishta.com
2 Jun 2022 12:07 PM GMT
कश्मीर में आतंकी घटनाओं पर बोले राहुल गांधी- जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं
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नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं को आतंकी निशाना बना रहे हैं. बीते कुछ दिनों से टारगेट किलिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. आतंकी रोजाना 2-4 कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं को अपना निशाना बनाकर डराने की कोशिश कर रहे हैं. आज भी उन्होंने कुलगाम जिले में राजस्थान के रहने वाले विजय कुमार की बैंक में घुसकर हत्या कर दी. टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के बाद अब सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कश्मीरी पंडित और अन्य हिंदू कर्मचारी वहां से पलायन करने लगे हैं.

कश्मीर में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने लिखा, "बैंक मैनेजर, टीचर और कई मासूम लोग रोज मारे जा रहे हैं. कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे हैं. जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं है. भाजपा ने कश्मीर को सिर्फ अपनी सत्ता की सीढ़ी बनाया है. कश्मीर में अमन कायम करने के लिए तुरंत कदम उठाइए, प्रधानमंत्री जी."
वहीं AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "कश्मीरी पंडितों का दूसरा पलायन जारी है. इसके लिए पीएमओ अकेले जिम्मेदार है. उनकी सरकार 1989 की गलतियों को दोहरा रही है. घाटी के राजनीतिक नेताओं के पास कोई लीवर नहीं है और उनके पास कोई राजनीतिक वैधता नहीं है. मोदी सरकार सिर्फ फिल्मों के प्रचार में जुटी हुई है."
"जैसे 1987 के विधानसभा चुनाव में धांधली हुई थी. वैसी ही अब नए परिसीमन ने निर्वाचन क्षेत्रों को घेर लिया है. बीजेपी ने सिर्फ पंडितों को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया है. वे कहते हैं "पंडितों के बारे में क्या?" केवल जब दंगों के अपने इतिहास के बारे में सवाल उठाए जाते हैं. पंडितों का भाजपा के लिए कोई अन्य उद्देश्य नहीं है."
TWEET बीते कुछ दिनों से कश्मीर में आतंकी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों और कश्मीर में काम कर रहे अन्य हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. ये घटनाएं ऐसे समय में बढ़ रही हैं, जबकि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन किया है, जिससे निर्वाचन क्षेत्रों में बदलाव हुआ है और कश्मीरी पंडितों के लिए भी दो सीटें विधानसभा निर्वाचन के लिए रिजर्व भी की गई हैं.
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