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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे हैं.
राहुल गांधी की पेशी से पहले प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर लिखा, पुलिस की बैरिकेड, ED की गीदड़ भभकियां, लाठी-वाटर कैनन सच्चाई की आंधी को नहीं रोक सकते. सच्चाई की बुलंद आवाज का नाम है राहुल गांधी.
कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा, जब-जब भाजपा और मोदी डरते हैं वे पुलिस को आगे करते हैं. आगे हम जनता की लड़ाई लड़ेंगे. ये केस है ही नहीं, उन्होंने पूछा कि कोई FIR है क्या? यह केस तो मोदी सरकार ने 2014 में शुरू किया और उन्हीं की सरकार ने बिना कोई प्रमाण मिले केस को समाप्त कर दिया.
राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी से पहले कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि पुलिस की तैनाती से पता चलता है कि मोदी सरकार कांग्रेस से डर गई है.
सुरजेवाला ने आगे कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में शांतिप्रिय व गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह की मार्च तो निकलेगी ही. न इसे अंग्रेज दबा पाए और न ही उस समय अंग्रेजों के मुखबिर बने आज के सत्ताधारी हुक्मरान दबा पाएंगे. हम दृढ़ता से, शांतिप्रिय तरीके से बीजेपी के 'इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट' के कार्यालय जाएंगे, तथा उनकी 'झूठ की अदालत' में सत्य पर आधारित हर सवाल का जवाब भी देंगे. यही हमारा संकल्प है, और यही गांधी का रास्ता.
सुरजेवाला ने कहा कि आज फिर एक गांधीवादी 'सत्याग्रह' का आगाज होगा. वह बोले कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को झुकाने के लिए पीएम मोदी पिछले 8 साल से एड़ी चोटी का जोर लगा रही है लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस का हर नेता व कार्यकर्ता देश के साधारण व्यक्ति, मध्यम वर्ग, गरीब और दलित की आवाज उठाने के अपने कर्तव्य पर अडिग हैं. हम लोकतंत्र के सिपाही हैं और संविधान के रखवाले. हम न डरेंगे और न झुकेंगे और हर भाजपाई हथकंडे को विफल करेंगे.
सुरजेवाला बोले कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 136 साल से इस देश के हर व्यक्ति की आवाज है. हम उस गांधी के वंशज हैं, जिन्होंने निहत्थे रहकर देश की जनता की ताकत के बल पर दुनिया की सबसे बड़ी तानाशाही ताकत को हिंदुस्तान छोड़कर भागने पर विवश कर दिया था.
उन्होंने कहा कि जब नेशनल हेराल्ड अखबार ( और उसकी मालिक 1937 में बनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) पर कर्ज का गंभीर संकट आया, और समाचार पत्र को चलाने के लिए कठोर परिश्रम करने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा था, तब कांग्रेस पार्टी ने साल 2002 से 2011 तक दस वर्षों में 90 करोड़ रुपया इस संस्थान को देकर देश की विरासत को बचाने का काम किया.
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