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जलियांवाला बाग में हुए बदलाव पर राहुल गांधी ने आपत्ति जाहिर की, कहा- मैं एक शहीद का बेटा, शहीदों का अपमान बर्दाश्त नहीं
Renuka Sahu
31 Aug 2021 5:33 AM GMT
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फाइल फोटो
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग स्मारक में हुए बदलाव पर आपत्ति जताई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) स्मारक में हुए बदलाव पर आपत्ति जताई है. राहुल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता.' बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जलियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर का उद्घाटन करने के बाद काफी आलोचना हो रही है. पीएम ने इसके साथ ही जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर विकसित कुछ संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन किया. उन्होंने लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं बनाई गई हैं.
पुनर्निर्मित परिसर पर आपत्ति जताते हुए राहुल ने कहा- 'जलियाँवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता. मैं एक शहीद का बेटा हूँ- शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा. हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं.'
इससे पहले इस मुद्दे पर इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा- 'यह स्मारकों का निगमीकरण है. आधुनिक संरचनाओं के नाम पर यह अपना असली मूल्य खो रहे हैं.' वाम दल के नेता सीताराम येचुरी ने कहा- 'यह हमारे शहीदों का अपमान है. बैसाखी के लिए इकट्ठा हुए हिंदू, मुस्लिम, सिखों के जलियांवाला बाग हत्याकांड ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को गति दी. जो लोग स्वतंत्रता संग्राम से दूर रहे वही ऐसा काम कर सकते हैं.'
कांग्रेस नेता हसीबा ने प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- 'जलियांवाला बाग हत्याकांड में जश्न जैसी क्या चीज है, जहां लाइट और साउंड की जरूरत हो? लेकिन मेरा मानना है कि जिन लोगों ने अंग्रेजों से सांठ-गांठ की हो, वह इन दिनों की भयावहता को कैसे समझेंगे.'
जलियांवाला बाग स्मारक युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक: अमरिंदर सिंह
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पुनरुद्धार किया गया जलियांवाला बाग स्मारक 'शहीदों को श्रद्धांजलि है और युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक है.' उन्होंने कहा कि यह स्मारक आगामी पीढ़ियों को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के लोगों के अधिकार की याद दिलाता रहेगा. बदलाव के बारे में पीएमओ के अनुसार जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है.
पीएमओ के अनुसार इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले 'ज्वाला स्मारक' की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है और वहां स्थित तालाब को एक 'लिली तालाब' के रूप में फिर से विकसित किया गया है तथा लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है.
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