दिल्ली। पूर्व दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी के बयान पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ” शर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस छोड़ चुकी हैं और वो राजनीति से भी सन्यास ले चुकी हैं…मैं एक चीज कहना चाहता हूं कि राष्ट्रपति गरिमा का अपमान न करें, प्रधानमंत्री पद से ज्यादा संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण होता है और कांग्रेस ये कह सकती है कि बंगाल का प्रतिनिधत्व करने वाले प्रणब मुखर्जी जी जो योग्य थे उनको देश में जितना सम्मान दिया गया है शायद बहुत कम लोगों को मिला हो।… बीजेपी ने उन्हें दूसरा मौका तक नहीं दिया।…राहुल गांधी बहादुर नेता है और हमें अपने नेता पर नाज़ है।…वो हर तरह से योग्य हैं।…”
बता दें कि पूर्व कांग्रसी नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर किताब लिखी है. इस किताब में शर्मिष्ठा ने अपने पिता के हवाले से कई खुलासे किए गए हैं. किताब में दावा किया है कि 2013 में राहुल गांधी द्वारा एक अध्यादेश की प्रति फाड़े जाने की घटना से वह (प्रणब) स्तब्ध रह गए थे. प्रणब मुखर्जी ने कहा था, उन्हें (राहुल के) खुद के गांधी-नेहरू परिवार का होने का घमंड है. किताब में दावा किया गया है कि यह घटनाक्रम 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ.
प्रणब मुखर्जी के हवाले से किताब में कहा गया है, एक बार राहुल प्रणब मुखर्जी से मिलने सुबह सुबह पहुंच गए थे. उस वक्त वे मुगल गार्डन (अब अमृत उद्यान) में सुबह की सैर कर रहे थे. प्रणब को सुबह की सैर और पूजा के दौरान किसी भी तरह का व्यवधान पसंद नहीं था. फिर भी उन्होंने उनसे मिलने का फैसला किया. बाद में पता चला कि राहुल असल में शाम को प्रणब से मिलने वाले थे, लेकिन उनके (राहुल के) कार्यालय ने गलती से उन्हें सूचित कर दिया कि बैठक सुबह है. मैंने जब अपने पिता से पूछा, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, अगर राहुल का दफ्तर ‘AM’ और ‘PM’ के बीच अंतर नहीं कर सकता है तो वह भविष्य में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को संचालित करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?