दिल्ली। राहुल और प्रियंका गांधी ने ईस्टर पर्व पर बधाई दी. आज ईस्टर है। प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने का पर्व। ईसाइयों के लिए खुशियों से जुड़े दो पर्व बेहद खास हैं - क्रिससम व ईस्टर। क्रिसमस यानी 25 दिसंबर के दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था और ईसाई धर्मग्रंथ के मुताबिक गुड फ्राइडे को सलीब पर लटकाए जाने के दो दिन बाद यीशु पुन: जीवित हो उठे थे। ईसाई धर्मावलंबी इस उल्लास के पर्व को ईस्टर के रूप में मनाते हैं। जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन रविवार था, अत: इसे ईस्टर रविवार या ईस्टर संडे भी कहते हैं। यह ईसा मसीह के चमत्कारों में से एक माना जाता है। ईसाइयों के धर्मग्रंथ बाइबिल में भी उल्लिखित है कि दोबारा जीवित होने के बाद यानी ईस्टर संडे के 40 दिन बाद तक ईसा मसीह इस पृथ्वी पर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने शिष्यों व अनुयायियों को प्रेम एवं करुणा का संदेश दिया। उसके बाद वे स्वर्ग चले गए।
ऐसी मान्यता है कि ईसा मसीह को सलीब पर लटकाए जाने के उनके अनुयायी बेहद दुखी और निराश हो गए थे। वो बार-बार ईसा मसीह की कब्र पर जाकर वहां दुखी होकर बैठे रहते थे। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन एक महिला कब्र पर गई और रोने लगी। तभी उसने देखा कि ईसा मसीह के कब्र पर पत्थर नहीं है। उसने बाकी अनुयायियों को इसकी दी। इसके बाद कुछ अनुयायी वहां पहुंचे और उन्होंने भी देखा कि कब्र में केवल कफन पड़ा हुआ है, ईसा मसीह नहीं हैं। कुछ समय के बाद बाकी अनुयायी तो वहां से चले गए, लेकिन महिला वहीं बैठकर विलाप करती रही। तभी उसने देखा कब्र के पास श्वेत वस्त्रों में दो देवदूत खड़े थे। उन दोनों दूतों ने उस महिला से रोने की वजह पूछी तो उसने ईसा मसीह के जाने की वजह बताई। उसी दौरान वहां उसने ईसा मसीह को देखा। तभी उसने वहां ईसा मसीह को देखा। इसके घटना के तुरंत बाद वह महिला ईसा मसीह के अनुयायियों के पास आई और बताया कि कैसे प्रभु ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए हैं। धार्मिक मान्यता है कि ईसा मसीह फिर से जीवित होने के बाद 40 दिनों तक पृथ्वी पर रहे। अंत में वे कुछ शिष्यों के साथ आसमान में चले गए।
Happy Easter ! Today let us all be reminded that love cannot be defeated or destroyed, and that kindness towards one another is the foundation of all that is good in this world. pic.twitter.com/qky72BM9Om
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 9, 2023