पंजाब। पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सरकारी बंगला खाली करने के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है. राज्यसभा सचिवालय के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि राज्यसभा सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार है, न कि टाइप 7 बंगला. राज्यसभा सचिवालय के नोटिस के खिलाफ राघव चड्ढा कोर्ट पहुंच गए थे.
इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के मामले में लगाई अंतिम रोक को हटा दिया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को बंगला खाली करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के बंगला खाली करने के नोटिस को सही ठहराया है.कोर्ट का कहना है कि राघव चड्ढा का आवंटन 3 मार्च 2023 को रद्द कर दिया गया था. राघव ये दावा नहीं कर सकते कि उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी आवास पर कब्जा जारी रखने का अधिकार है. सरकारी आवास का आवंटन केवल उन्हें दिया गया विशेषाधिकार है.
पिछले साल पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को टाइप-6 बंगला आवंटित किया गया था. पिछले साल ही राघव चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को टाइप-7 आवास के आवंटन का अनुरोध करते हुए एक प्रतिवेदन सौंपा था. बता दें कि राज्यसभा सचिवालय ने राघव चड्ढा को नई दिल्ली में टाइप-7 बंगला आवंटित किया था, जो आमतौर पर उन सांसदों के लिए होता है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री रहे होते हैं. लिहाजा इस साल मार्च में उन्हें बताया गया कि आवंटन रद्द कर दिया गया है. क्योंकि टाइप-7 बंगला उनकी पात्रता के अनुसार नहीं था, उन्हें एक और फ्लैट आवंटित किया गया था. उन्होंने इसके खिलाफ मुकदमा दायर किया और इस फैसले को रद्द करने के खिलाफ रोक लगाने की मांग की. राघव चड्ढा ने कहा कि आवंटन मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया था और यह बात उन्हें तीन मार्च 2023 के पत्र के माध्यम से बताई गई थी. इसके बाद कोर्ट ने 18 अप्रैल को राज्यसभा सचिवालय के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें इसने चड्ढा को अपने टाइप-VII आवास को खाली करने को कहा था. उस आदेश को राज्यसभा सचिवालय ने चुनौती दी थी.