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कुतुब मीनार: परिसर से हटाई जाएगी भगवान गणेश की दो मूर्तियां, विवाद हुआ तेज

jantaserishta.com
8 April 2022 2:52 AM GMT
कुतुब मीनार: परिसर से हटाई जाएगी भगवान गणेश की दो मूर्तियां, विवाद हुआ तेज
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नई दिल्ली: कुतुब मीनार में रखी भगवान गणेश की मूर्तियों को लेकर विवाद तेज होता जा रहा है. पहले इन मूर्तियों को वहां से हटाकर सम्मानजनक स्थान पर रखने की बात कही गई थी, अब बीजेपी पार्षद ने मांग की है कि मूर्तियों को कुतुब मीनार में ही उचित स्थान पर रखकर वहां पूजा-आरती कराई जाए.

बता दें कि ऐतिहासिक कुतुब मीनार में मंदिर होने और देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपमानित तरीके से रखने का विवाद दशकों पुराना है. लेकिन अब स्थानीय निगम पार्षद आरती सिंह ने दावा किया है कि साल 2000 तक कुतुब मीनार में स्थित प्राचीन मंदिर में लोग पूजा-आरती करने आते थे जिसे बाद में किन्हीं वजहों से बंद कर दिया गया.
महरौली से बीजेपी की निगम पार्षद आरती सिंह ने यह दावा किया है कि कुतुब मीनार दरअसल पहले मंदिर ही था. आज भी कुतुब मीनार के अंदर जगह-जगह देवी देवताओं की मूर्तियों के अवशेष देखने को मिलते हैं. आरती का आरोप है कि कुतुब मीनार में स्थित मस्जिद परिसर में भगवान की मूर्तियों को जमीन पर रखकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है.
इससे पहले ऐसा ही दावा बुधवार को NATIONAL Monuments Authority (NMA) ने किया था. NMA की तरफ से Archaeological Survey of India (ASI) को पत्र भी लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि भगवान गणेश की मूर्तियों को कुतुब मिनार में अपमानजनक तरह से रखा गया है और उनको वहां से हटाकर नेशनल म्यूजियम में रखा जाना चाहिए.
कुतुब मीनार में मेन गेट से दाखिल होते ही कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद का गेट पड़ता है. कुव्वतुल इस्लाम का मतलब होता है इस्लाम की शक्ति. इसके चारों ओर बने दालानों में फना समेत कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. मस्जिद के बाहर लगे शिलापट पर साफ-साफ लिखा गया है कि दालानों के खंभो की निर्माण सामग्री 27 हिंदू और जैन धर्म के लोगों के मंदिरों से ली गई थी. इसपर अब निगम पार्षद आरती सिंह की मांग है कि पुरातत्व विभाग यहां पर दोबारा से भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं और पारंपरिक तरीके से यहां पर पूजा और आरती की जाए.
कुतुब मीनार के बगल में स्थित योगमाया मंदिर के पुजारियों का दावा है कि कुतुब मीनार के अंदर भगवान गणेश की पूजा कई सालों से होती आ रही थी. इनका दावा है कि राजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा यहां पर मंदिर का निर्माण किया गया था. यहां पर पारंपरिक तरीके से पूजा-पाठ होती थी, लेकिन जब भारत में मुगल आए तो इन मंदिरों को तोड़कर इन्हें मस्जिद बना दिया गया. दावा ये भी है कि सन 2000 तक कुतुब मीनार के अंदर भगवान की आरती में वह हिस्सा ले चुके हैं. पारंपरिक पुजारी के परिवार की मांग है कि जिस मंदिर को मुगलों ने तोड़ा था उसे पुनः स्थापित किया जाए और वहां पर पारंपरिक पूजा और आरती शुरू की जाए.
पूजा सिंह से पहले बीजेपी नेता तरुण विजय भी कई बार कुतुब मीनार में उल्टी रखी हुई गणेश मूर्ति (Ulta Ganesh) और पिंजरे में बंद दूसरी प्रतिमा (Ganesha in cage) का मसला उठा चुके हैं. तरुण विजय ने कहा था कि मैंने खुद कई बार जाकर कुतुब मीनार पर जाकर इस चीज को देखा है. मूर्तियों को बेहद अपमानजनक तरीके से रखा है.


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