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सरकार और विपक्ष से सवाल: मीडिया संस्थान ने BJP-कांग्रेस को दी बहिष्कार की धमकी, जानिए क्या है वजह

jantaserishta.com
17 April 2022 12:02 PM GMT
सरकार और विपक्ष से सवाल: मीडिया संस्थान ने BJP-कांग्रेस को दी बहिष्कार की धमकी, जानिए क्या है वजह
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इंफाल: मणिपुर में मीडिया संस्थानों ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार और विपक्षी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मीडिया कर्मियों ने सरकार और विपक्ष पर विज्ञापन का बकाया भुगतान नहीं करने के आरोप लगाए हैं। साथ ही धमकी भी दी है कि भुगतान नहीं होने की स्थिति में राजनीतिक खबरों का बहिष्कार किया जाएगा। इस संबंध में पत्रकार संगठनों की अगली बैठक 23 अप्रैल को होने जा रही है।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (EGM), मणिपुर हिल जर्नलिस्ट यूनियन (MHJU) और ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (AMWJU) ने विज्ञापन के भुगतान को लेकर बैठक की थी। AMWJU और EGM की तरफ से संयुक्त बयान जारी किया गया, 'दो सियासी दलों के मामले में ये बिल हाल ही में संपन्न हुए 12वें मणिपुर विधानसभा चुनाव से संबंधित हैं। चुनाव खत्म होने और सरकार बनने के बाद भी दोनों पार्टियों के लाखों के बिल बकाया हैं, जो अधिकांश विज्ञापन एजेंसियों से आउटसोर्स किए गए हैं।'
आगे बताया गया, 'बैठक में भाजपा मणिपुर प्रदेश और एमपीसीसी दोनों के अध्यक्षों से 23 अप्रैल 2022 तक बिल भुगतान करने या बहिष्कार का सामना करने की अपील की बात कही गई है।' खास बात है कि मणिपुर में दो दर्जन से ज्यादा स्थानीय और दैनिक अंग्रेजी समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं।
बयान के अनुसार, मणिपुर सरकार के करीब 10 करोड़ रुपये के बिल कई सालों से बकाया हैं। जानकारी दी गई कि मीडिया बिरादरी ने बीते साल 27 नवंबर को तत्कालीन सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के सामने मेमोरेंडम के जरिए उठाया था। संयुक्त बयान में बताया गया है कि मणिपुर के मुख्य सचिव के साथ भी इस संबंध में बैठक हुई थी, जिसमें इस साल 31 मार्च तक सभी बिलों का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था।
बयान के अनुसार, मणिपुर सरकार के करीब 10 करोड़ रुपये के बिल कई सालों से बकाया हैं। जानकारी दी गई कि मीडिया बिरादरी ने बीते साल 27 नवंबर को तत्कालीन सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के सामने मेमोरेंडम के जरिए उठाया था। संयुक्त बयान में बताया गया है कि मणिपुर के मुख्य सचिव के साथ भी इस संबंध में बैठक हुई थी, जिसमें इस साल 31 मार्च तक सभी बिलों का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था।


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