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NCB की जांच पर सवाल, समीर वानखेड़े के खिलाफ जारी की गई तस्वीर
jantaserishta.com
17 Oct 2021 4:19 AM GMT
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मुंबई. बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख़ ख़ान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन ख़ान (Aryan Khan) को एक क्रूज पर कथित रेव पार्टी में गिरफ्तार किए जाने के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) की निष्पक्षता पर एक बार फिर एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) सवाल उठाए हैं. इस बार उन्होंने कुछ और तस्वीरें शेयर की हैं और दावा किया है कि आर्यन खान ड्रग्स मामले में मुख्य जांचकर्ता समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) जितने भी गवाह बनाए हैं वो सभी उनके जानकारों में से हैं.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पर आरोप लगाते हुए एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि आज जो तस्वीर मैं शेयर कर रहा हूं. इसमें दिखाई दे रहा शख्स भी समीर वानखेड़े का जानकार है. उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, इस तस्वीर में दिख रहा शख्स फ्लेचर पटेल है और उसकी तस्वीर एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की बहन जैस्मीन वानखेड़े के साथ मौजूद है. नबाव मलिक ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े और फ्लेचर पटेल एक दूसरे को काफी अच्छी तरह से जानते हैं. एनसीपी नेता ने पूछा कि "सवाल यह है कि एनसीबी अधिकारी अपने किसी परिचित को मामले में कैसे गवाह बना सकते हैं?
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इससे पहले दावा किया है कि इस मामले में एनसीबी के गवाह ठीक नहीं हैं. मलिक का आरोप है कि आर्यन खान की गरफ्तारी के बाद जो तस्वीर वायरल हुई थी वो केपी गोसावी नाम के शख़्स ने ली थी. आर्यन खान के साथ हिरासत में गोसावी की सेल्फी वायरल होने के बाद जांच एजेंसी ने पहले कहा था कि उसका इस शख्स से कोई संबंध नहीं है, जबकि बाद में उसे ही गवाह बताया गया. मलिक ने बताया कि आर्यन ख़ान के दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के साथ एक वीडियो में हाथ पकड़े दिखाई दे रहा शख्स भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता मनीष भानुशाली है. मनीष की फेसबुक प्रोफाइल पर उसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के साथ ली गई तस्वीरें मौजूद हैं.
इससे पहले एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए राकांपा प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि मुंबई तट पर एक क्रूज शिप पर छापेमारी के बाद एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने कहा था कि 8 से 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था. बाद में, 3 लोगों-ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को रिहा किया गया है.
'पंच' आपराधिक जांच के दौरान अपराध स्थल पर की गई जांच या सामग्री की जब्ती आदि के सहायक साक्ष्य प्रदान करता है. 'पंच' पकड़े गए अभियुक्तों के सामने ही अपनी गवाही देते हैं, जिन्हें 'पंच' के रूप में भी जाना जाता है. 'पंच' पुलिस को मिली चीजों की पुष्टि करते हैं और पंचनामा पर हस्ताक्षर करते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पंचों को आम तौर पर 'स्वतंत्र' गवाह माना जाता है, लेकिन कभी-कभी चल रहे छापे के दौरान ऐसे व्यक्तियों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है. इसलिए कुछ मामलों में 'पंच' पुलिस के जानकार होते हैं (हालांकि ऐसा होना नहीं चाहिए).
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