
x
नई दिल्ली। गैस उपभोक्ता जल्द ही अपने घर आने वाले रसोई गैस सिलेंडर के बारे में सबकुछ जान सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर पर क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है। जिससे उपभोक्ता घरेलू सिलेंडरों को रेगुलेट कर सके। रेगुलेट से मतलब है कि उपभोक्ता अब जान पाएंगे कि सिलेंडर को कब रिफिल किया गया, उसमें वजन कितना है और गैस चोरी तो नहीं हुई है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा 'फ्यूलिंग ट्रेसिबिलिटी! एक उल्लेखनीय इनोवेशन, यह क्यूआर कोड मौजूदा सिलेंडरों पर लगाया जाएगा और नए सिलेंडरों पर वेल्ड किया जाएगा। इसके एक्टिव होने पर इसमें गैस सिलेंडर की चोरी, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग और बेहतर इन्वेंट्री मैनेजमेंट के कई मौजूदा मुद्दों को हल करने की क्षमता है।
देश में लगभग 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता है, जबकि गैस सिलेंडरों की संख्या करीब 70 करोड़ है। इनमें सबसे अधिक ग्राहक इंडियन आॅयल कॉरपोरेशन के पास हैं। देश में जैसे-जैसे गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है, सिलेंडरों से अवैध तरीके से गैस निकालने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सिलेंडरों को क्यूआर कोड लगाने का फैसला लिया है। क्यूआर कोड युक्त सिलेंडर होने से उपभोक्ताओं को गैस की चोरी होने की स्थिति में मदद मिलेगी।
Next Story