मध्य प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) अपनी ही सरकार में हुए एक फैसले पर अमल नहीं होने पर नाराज हो गए हैं. इसके लिए उन्होंने अन्य विभाग के मंत्रियों पर अपना गुस्सा भी जाहिर किया है. दरअसल, साल 2010 में शिवराज कैबिनेट की बैठक में फैसला हुआ था कि प्रदेश में एक ही एजेंसी से सभी तरह के निर्माण कार्य कराए जाएं. विभागों की तरफ से एक एजेंसी को राशि देकर निर्माण कार्य कराए जाए. इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD Department) के अधीन पीआईयू का गठन किया गया था. पीआईयू के जरिए ही निर्माण कार्य कराए जाने का फैसला कैबिनेट में हुआ. पीआईयू में क्वालिटी निर्माण के लिए s-o-r तैयार करने से लेकर एक्सपर्ट की टीम को शामिल किया गया. शुरुआती तौर पर स्कूल शिक्षा आदिम जाति आगनबाड़ी से लेकर कई विभागों के निर्माण कार्य की एजेंसी के जरिए कराए गए. लेकिन अब विभागों ने पीआईयू (PIU) से किनारा करते हुए अपने स्तर पर टेंडर निकाल कर निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं. और विभागों कि इसी कार्यप्रणाली को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव खासे नाराज हैं. गोपाल भार्गव ने इस मामले में सीएम शिवराज को शिकायत दर्ज कराई है.
मंत्री भार्गव ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अब पीआईयू के पास काम नहीं होने के कारण एक बड़ा अमला बेकाम हो गया है और जो फैसला कैबिनेट की बैठक में हुआ था उस पर अमल होना चाहिए. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह विभागों को निर्देश दें कि सभी तरह के निर्माण कार्य की पीआईयू के जरिए ही कराए जाएं. मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव से भी निर्देश जारी करने को कहा है.
दरअसल, प्रदेश में काम कर रही अलग-अलग सरकारी एजेंसियों ने अब अपने स्तर पर निर्माण कार्य करना शुरू कर दिया है. भोपाल विकास प्राधिकरण अपने निर्धारित दायरे के बाहर जाकर दूसरे जिलों में बड़े निर्माण कार्य कर रहा है. इसी तरीके से हाउसिंग बोर्ड उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े रूसा, स्कूल शिक्षा, महिला बाल विकास विभाग भी अब अपने स्तर पर टेंडर जारी कर निर्माण कार्यों को मंजूरी दे रहा है. और विभागों की मनमानी को लेकर अब पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव नाराज बताए जा रहे हैं. वही मंत्री गोपाल भार्गव की नाराजगी को कांग्रेस का समर्थन मिला है. पूर्व पीडब्लूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंत्री गोपाल भार्गव की मांग का समर्थन किया है. कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है की कैबिनेट में जो फैसला हुआ था उस पर अमल के लिए सरकार को विभागों को निर्देश देना चाहिए. लेकिन देखने में यह मिल रहा है कि दूसरे विभाग निर्माण कार्य को लेकर मनमानी कर रहे हैं और वाहवाही लूटने के लिए मंत्री अपने विभागों में टेंडर जारी कर निर्माण कार्य करा रहे हैं जो ठीक नहीं है.
बहरहाल, प्रदेश में हो रहे करोड़ों के निर्माण कार्य मैं क्वालिटी और मेंटेनेंस पर नजर रखने के लिए की पीआईयू का गठन हुआ था लेकिन अब की पीआईयू के पास बड़े काम नहीं है और एक बड़ा अमला बेरोजगार हो गया है. सवाल इस बात को लेकर है जब सरकार ने ही एक एजेंसी बनाकर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उसे सौपी थी. अब वही सरकार उस एजेंसी को दरकिनार कर पुराने ढर्रे पर क्यों लौट रही है.