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नई दिल्ली: यूक्रेन पर हमले की वजह से पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस से भारत तेल की खरीद पर और छूट देने की मांग कर रहा है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत रूस से 70 डॉलर प्रति बैरल से भी कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदने की कोशिश कर रहा है. फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगभग 110 डॉलर प्रति बैरल है.
सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि कच्चे तेल में छूट की मांग खरीद में आ रही दिक्कतों की भरपाई के तौर पर की जा रही है. हालांकि, भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
रिपोर्ट में कहा गया कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमला शुरू करने के बाद से भारत की सरकारी और निजी तेल रिफाइनरियों ने छूट पर रूस से चार करोड़ बैरल से अधिक का कच्चा तेल खरीदा है. व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2021 में रूस, भारत के बीच की गई कच्चे तेल की कुल खरीद से ये 20 फीसदी अधिक है.
पिछले महीने भी रूस ने भारत को 1.5 करोड़ बैरल की कच्चे तेल की एकमुश्त खरीद पर छूट देने की पेशकश की थी.
इस खरीद को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित पश्चिमी देशों ने भी टिप्पणी की लेकिन भारत सरकार ने यह कहकर इसका जवाब दिया कि यूरोपीय संघ ने भी रूस से अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीदा था और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत ने इस पेशकश का स्वागत किया.
वहीं, यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने बुधवार को यूरोपीय संसद को ऐसे प्रस्ताव के बारे में बताया, जिससे रूस के तेल (कच्चे और संशोधित) पर निर्भरता को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके.
भारत अनुमानित रूप से ईंधन की खपत करने वाला विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत में प्रतिदिन लगभग पचास लाख बैरल तेल की खपत होती है और भारत अपनी जरूरत का लगभग 85 फीसदी तेल आयात करता है लेकिन इसमें रूस के तेल का योगदान कम ही है.
एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के अनुमान के मुताबिक, 2021 में यह तीन फीसदी से भी कम था.
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