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नेपाल की राजनीति में आज का दिन बेहद नाटकीय रहा. दोपहर तक शेर बहादुर देउबा के पीएम बनने का रास्ता साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन CPN-Maoist सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड मीटिंग से नाराज होकर निकल गए और गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया. उसके बाद अब खबर आई है कि प्रचंड, केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले CPN-UML के समर्थन से नेपाल के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं.
पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नेपाल की राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी को सांसदों के समर्थन वाला पत्र भी सौंप दिया है. इस पत्र में बहुमत के लिए प्रचंड के समर्थन में 165 सांसदों के हस्ताक्षर हैं. नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने के लिए आज तक ही डेडलाइन दी थी. इसके बाद भी नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन और केपी शर्मा ओली की पार्टी वाले गठबंधन ने दावा पेश नहीं किया था. इसलिए ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि सरकार बनाने के लिए बातचीत सही दिशा में आगे नहीं बढ़ पा रही है.
पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी CPN-UML, CPN-माओवादी सेंटर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक में 'प्रचंड' के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बन गई थी. CPN-माओवादी के महासचिव गुरुंग ने बताया था कि केपी शर्मा ओली की पार्टी, CPN-माओवादी और अन्य पार्टियों के साथ मिलकर 165 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति कार्यालय में पुष्प कमल दहल प्रचंड को प्रधानमंत्री बनाने के लिए दावा करने के लिए तैयार है.
गुरुंग ने कहा था कि राष्ट्रपति को सौंपने के लिए पत्र तैयार किया जा रहा है. यह मीटिंग पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के आवास पर हुई. बालकोट में हुई इस मीटिंग में ओली, प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन, जनता समन्वयवादी पार्टी के अध्यक्ष अशोक राय सहित अन्य लोगों ने भाग लिया.
इस मीटिंग में रोटेशन के आधार पर सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रचंड और ओली के बीच बातचीत हुई है. प्रचंड की मांग के अनुसार, ओली उन्हें पहले मौके पर प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत हो गए. नए गठबंधन को 275 सदस्यीय संसद में से 165 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. इस चुनाव में नेपाली कांग्रेस ने 275 सीटों में से 89 जीती हैं, CPN-UML के खाते में 78 सीटें गई हैं और CPN-Maoist को 32 सीटों से संतुष्ट करना पड़ा है. पहली बार चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी ने भी 20 सीटे अपने नाम की हैं, जनता समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें जीती हैं जनमत पार्टी के खाते में 6 सीटें गई हैं.
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