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दिल्ली जल बोर्ड का कई संयंत्रों में घट गया शोधन, पस्त पड़ीं पुरानी मशीनें

Deepa Sahu
19 Aug 2021 8:56 AM GMT
दिल्ली जल बोर्ड का कई संयंत्रों में घट गया शोधन, पस्त पड़ीं पुरानी मशीनें
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दिल्ली जल बोर्ड कुछ जल शोधक संयंत्रों में तीन वर्षों की तुलना में वर्तमान साल के दौरान पानी का उत्पादन कम हो गया है।

दिल्ली जल बोर्ड कुछ जल शोधक संयंत्रों में तीन वर्षों की तुलना में वर्तमान साल के दौरान पानी का उत्पादन कम हो गया है। इनमें से कई संयंत्र में पानी के उत्पादन में हल्की गिरावट होने का सिलसिला जारी है। हालांकि बोर्ड ने गत सात साल के दौरान करीब सवा सौ एमजीडी पानी का उत्पादन बढ़ाया है। जल बोर्ड ने दो नए संयंत्र चालू किए है। इसके अलावा पहले से स्थापित संयंत्रों में पानी के उत्पादन की क्षमता बढ़ाई है।

दिल्ली जल बोर्ड वर्तमान में 10 जल शोधक संयंत्रों और भूजल के माध्यम से राजधानी में 935 एमजीडी पानी का उत्पादन कर रहा है। वर्ष 2014-15 के दौरान वह आठ संयंत्रों एवं भूजल से 806 एमजीडी पानी की आपूर्ति करता था। उसने गत सात साल में अपने संयंत्रों और भूजल के पानी का उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन गत तीन साल से कुछ संयंत्रों में पानी का उत्पादन कम होने लग गया है। बताया जा रहा है कि इन संयंत्रों में मशीन पुरानी होने के कारण पानी के उत्पादन में गिरावट आनी शुरू हो गई है।
जल बोर्ड से मिले आंकड़ों के अनुसार हैदरपुर-दो संयंत्र में गत वर्ष तक पानी के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन इस साल इस संयंत्र में पानी के उत्पादन में दो एमजीडी की गिरावट आ गई है। इस संयंत्र में वर्ष 2014-15 में 116 एमजीडी और गत वर्ष 123 एमजीडी तक पानी का उत्पादन बढ़ गया था। इसी तरह नांगलोई व भगीरथी संयंत्र में भी गत वर्ष तक पानी के उत्पादन में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी था, लेकिन इन दोनों संयंत्रों में इस साल एक-एक एमजीडी पानी का उत्पादन कम हो रहा है। नांगलोई संयंत्र में गत छह साल के दौरान पानी का उत्पादन 38 से 43 एमजीडी पहुंच गया था। वहीं भगीरथी संयंत्र में 106 एमजीडी से 114 एमजीडी हो गया था।
सोनिया विहार संयंत्र में दो साल पहले तक पानी का उत्पादन बढ़ा और गत वर्ष पानी के उत्पादन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, मगर इस साल उत्पादन में एक एमजीडी गिरावट हो गई है। इस संयंत्र में 140 एमजीडी से 142 एमजीडी उत्पादन हो गया था। चंद्रावल संयंत्र में तीन साल पहले तक पानी के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई और दो साल पहले तक पानी का उत्पादन सामान्य रहा, लेकिन गत वर्ष से पानी के उत्पादन में दो एमजीडी की गिरावट हो गई है। इस संयंत्र में पानी का उत्पादन 89 एमजीडी से बढ़कर 91 एमजीडी हो गया था।
उधर हैदरपुर-एक, बवाना, द्वारका व ओखला संयंत्र में वर्ष 2014-15 से इस साल तक पानी के उत्पादन में बढ़ोतरी होने का सिलसिला जारी है। हैदरपुर-एक में 100 से 110 एमजीडी, बवाना में 11 से 20 एमजीडी, द्वारका में 35 से 51 एमजीडी और ओखला में नौ से 21 एमजीडी पानी का उत्पादन हो गया है, जबकि वजीराबाद संयंत्र में गत सात साल के दौरान पानी के उत्पादन में उतार चढ़ाव का दौर जारी है।
हालांकि इस साल पानी का उत्पादन एक बार फिर उच्च स्तर पर पहुंचा हुआ है। इस संयंत्र में वर्ष 2014-15 में 128 एमजीडी पानी का उत्पादन होता था। वर्ष 2018-19 तक इस संयंत्र में चढाव के बाद पानी का उत्पादन 124 एमजीडी रह गया था हालांकि इस संयंत्र में चढ़ाव व उतार के बाद इस साल वर्ष 2016-17 व 2019-20 की तरह पानी का उत्पादन 131 एमजीडी हो रहा है।
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