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हत्या केस में 18 अक्टूबर को होगा राम रहीम की सजा का ऐलान, जानें क्या था मामला
jantaserishta.com
12 Oct 2021 11:25 AM GMT
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बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को डेरामुखी राम रहीम समेत पांच दोषियों की सजा पर बहस पूरी कर ली है। अब 18 अक्तूबर को सजा का एलान होगा।
पूरे पंचकूला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। पुलिस ने 17 नाके लगाकर शहर की सुरक्षा में 700 जवानों को तैनात किया था। जिला अदालत के बाहर भी पुलिस के जवान बड़ी संख्या में तैनात थे। राम रहीम इन दिनों रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
राम रहीम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी
डेरामुखी राम रहीम की रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी हुई। वहीं, दोषी कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल को सीबीआई कोर्ट के सामने पेश किया गया। पेशी के दौरान राम रहीम पहले से काफी कमजोर दिखा। हालांकि चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। राम रहीम ने सिर पर सफेद टोपी पहन रखी थी और दाढ़ी काली थी। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल में मानवाधिकार आयोग से अपनी दाढ़ी काली करने की अपील की थी।
इन धाराओं में है दोषी
रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में आठ अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया था।
राम रहीम ने दिया सामाजिक कार्यों का हवाला
पेशी के दौरान राम रहीम ने अपने आठ पेज के बयान में कोर्ट को सामाजिक कार्यों का हवाला दिया। राम रहीम ने अपने जनहित व सामाजिक कार्यों के आधार पर सजा में राहत देने की अपील भी की। यह जानकारी रणजीत सिंह के बेटे जगसीर के वकील आरएस बैंस ने दी।
यह था रणजीत सिंह हत्याकांड
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।
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