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नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क (excise duty) में कटौती को लेकर विरोध शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कटौती पर नाराजगी जताते हुए बुधवार शाम 7 से 9 बजे तक बंद का ऐलान किया है.
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पारस जैन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद डीलरों को पुराने स्टॉक पर लगभग 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हम पहले ही इस स्टॉक पर उच्च शुल्क का भुगतान कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर नए और पुराने उत्पाद शुल्क के अंतर को डीलरों को वापस किया जाना चाहिए. साथ ही कमीशन को भी बढ़ाया जाना चाहिए. पारस जैन ने बताया कि उत्पाद शुल्क के विरोध में बुधवार को शाम 7 से रात 9 बजे तक लगभग 4,900 पेट्रोल-डीजल पंप बंद रहेंगे.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है. केंद्र सरकार द्वारा 7 महीने में दूसरी बार एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने से केंद्र के राजस्व में सालभर में एक लाख करोड़ रुपये का भार आएगा. वहीं, केंद्र की ओर से एक्साइज ड्यूटी घटाए जाने के बाद अब एक बार फिर से राज्य सरकारों पर भी वैट घटाने का दबाव बढ़ गया है.
बीजेपी ने गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने की मांग की है. महाराष्ट्र और केरल जैसे कुछ गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने वैट घटा भी दिया है, लेकिन अब भी कुछ ऐसे राज्य हैं जो वैट घटाने से साफ मना कर रहे हैं.
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