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जनहित याचिका: हाईकोर्ट ने कह दी बड़ी बात, जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
1 Aug 2022 8:56 AM GMT
जनहित याचिका: हाईकोर्ट ने कह दी बड़ी बात, जानें पूरा मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: पंजाब में आम आदमी पार्टी (एएपी) के सत्ता में आने के बाद राघव चड्ढा को सरकार की एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया था. राघव चड्ढा को पंजाब सरकार की एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किए जाने के बाद राजनीतिक हो-हल्ला हुआ ही, मामला कोर्ट तक पहुंच गया.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में राघव चड्ढा की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई की. इस मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भी पंजाब सरकार को लेकर तल्ख टिप्पणी की है.
राघव चड्ढा को पंजाब सरकार की एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि क्या ये संविधान के साथ फ्रॉड नहीं है कि एक ऐसे व्यक्ति को ऐसी शक्तियां दे दी गईं कि वो सरकार चलाएगा. उन्होंने आगे ये भी सवाल किया कि इसकी जरूरत क्या थी.
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर ऐसे फैसले ही लेने थे कि सरकार की शक्तियां एक व्यक्ति को दे दी जाएं, तो इलेक्शन क्यों कराए गए. उन्होंने पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या सरकार काबिल नहीं है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने याचिका का निपटारा करते हुए पंजाब सरकार को ये निर्देश भी दिए कि वो जल्द निर्णय लेकर इस संबंध में याचिकाकर्ता को बताए.
इससे पहले, कोर्ट में पंजाब सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राघव चड्ढा को सरकार की एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किए जाने के फैसले का बचाव किया. पंजाब सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में ये भी कहा कि राघव चड्ढा की नियुक्ति पर राज्य सरकार एक भी रुपया खर्च नहीं कर रही है.
गौरतलब है कि राघव चड्ढा को पंजाब सरकार की एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किए जाने को एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने चुनौती दी थी. एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राघव चड्ढा की नियुक्ति को अवैध बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि राघव चड्ढा की नियुक्ति के लिए जारी नोटिफिकेशन, नोटिफिकेशन हीं बल्कि एक पत्र है.
याचिकाकर्ता ने साथ ही ये भी कहा था कि इस तरह की नियुक्ति का अधिकार भी मुख्यमंत्री को नहीं, राज्यपाल को है. उन्होंने ये भी कहा था कि इस कमेटी को एक तरफ एडहॉक बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ राघव चड्ढा को कैबिनेट रैंक दी जा रही है जिससे ये कमेटी समानांतर सरकार हो जाएगी. याचिकाकर्ता ने ये भी कहा था कि ये कमेटी सरकार को किन मामलों में सलाह देगी, इसे लेकर भी सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. ये संविधान के अनुच्छेद 309 का उल्लंघन है और इसे रद्द कर दिया जाए.
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