सांकेतिक तस्वीर
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को पेशे का दर्जा दे दिया है. गुरुवार को अपने एक फैसले में शीर्ष कोर्ट ने अन्य पेशे की तरह यौन पेशे को भी लीगल करार देने के साथ ही इस बाबत राज्य और केन्द्र सरकार के साथ ही पुलिस को भी कई दिशा निर्देश जारी किए हैं. यौन कर्मियों यानी सेक्स वर्करों को लेकर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करने पर जोर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों से कहा है कि हर पेशे की तरह मानवीय गरिमा और शालीनता के साथ जीवन जीने के लिए बुनियादी सुरक्षा यौन कर्मियों के लिए भी है. पुलिस और प्रशासन को यौन कर्मियों यानी सेक्स वर्कर्स के साथ भी आम नागरिक की भांति गरिमापूर्ण और सम्मानजनक बरताव व्यवहार करना चाहिए. यानी उनके साथ पुलिस मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं करे.
भारतीय दंड संहिता (IPC) के अनुसार, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा हैं और अधिनियम के कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं, जैसे...
सार्वजनिक स्थानों पर वेश्यावृत्ति के लिए कहना.
होटलों में वेश्यावृत्ति करना.
एक सेक्स वर्कर की व्यवस्था करके वेश्यावृत्ति में शामिल होना.
एक ग्राहक के लिए यौन क्रिया की व्यवस्था करना.
कॉल गर्ल को भी सजा
अनैतिक ट्रैफिक (रोकथाम) अधिनियम, 1986 मूल अधिनियम का एक संशोधन है. इस अधिनियम के अनुसार, वेश्याओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए अगर वे खुद के साथ संबंध बनाने को कहती हैं या दूसरों को बहकाते हुए पाई जाती हैं. इसके अलावा, कॉल गर्ल को अपने फोन नंबर सार्वजनिक करने की मनाही है. ऐसा करते पाए जाने पर उन्हें 6 महीने तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है.
हमारे देश में वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इसके लिए किसी को फोर्स करना और सार्वजनिक वेश्यावृत्ति करना गैरकानूनी है. वेश्यालय का मालिकाना हक भी अवैध है.
अगर केंद्र सरकार ने कोर्ट के निर्देश को मान लिया तो भारत में क्या बदलेगा?
यौनकर्मियों को समान कानूनी सुरक्षा दी जाएगी.
यदि कोई यौनकर्मी किसी आपराधिक/यौन या अन्य प्रकार के अपराध की रिपोर्ट करता है, तो पुलिस इसे गंभीरता से लेगी और कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी.
यदि किसी वेश्यालय पर छापा मारा जाता है, तो इसमें शामिल यौनकर्मियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, दंडित नहीं किया जाएगा.
कोई भी यौनकर्मी जो यौन उत्पीड़न का शिकार है, उसे तत्काल चिकित्सा देखभाल सहित जरूरी सेवाएं दी जाएंगी.
पुलिस को सभी यौनकर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना होगा और मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं कर सकते.
क्या है अन्य देशों में वेश्यावृत्ति को लेकर कानून
कुछ देशों ने वेश्यावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगा रखा है. जबकि अन्य देशों में वेश्यावृत्ति लीगल है. यौनकर्मियों को स्वास्थ्य और सामाजिक लाभ दिया जाता है.
इन देशों में वेश्यावृत्ति नहीं है जुर्म
न्यूजीलैंड: वेश्यावृत्ति 2003 से कानूनी है. सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोजगार कानूनों के तहत लाइसेंस प्राप्त वेश्यालय भी संचालित होते हैं, और उन्हें सभी सामाजिक लाभ मिलते हैं.
फ्रांस: फ्रांस में वेश्यावृत्ति कानूनी है, हालांकि सार्वजनिक रूप से इसके लिए कहने की अभी भी अनुमति नहीं है.
जर्मनी: वेश्यावृत्ति को वैध कर दिया गया है और वेश्यालय हैं. सेक्स वर्कर को स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है. टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, और उन्हें पेंशन जैसे सामाजिक लाभ भी मिलते हैं.
ग्रीस: यौनकर्मियों को समान अधिकार मिलते हैं और उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए भी जाना पड़ता है.
कनाडा: कनाडा में वेश्यावृत्ति सख्त नियमों के साथ कानूनी है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 19.07.2011 को दिए आदेश में कहा कि यदि मीडिया ग्राहकों के साथ सेक्स वर्कर्स की तस्वीरें प्रकाशित करता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 354 सी के तहत अपराध को लागू किया जाना चाहिए. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को इस संबंध में उचित दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में ही सेक्स वर्कर्स के लिए एक पैनल का गठन किया था जिसने इस समस्या से जुड़े तीन पहलुओं की पहचान की थी. एक तो तस्करी की रोकथाम, दूसरा यौन कार्य छोड़ने की इच्छा रखने वाली सेक्स वर्कर्स का पुनर्वास, और तीसरा संविधान के अनुच्छेद 21 के प्रावधानों के अनुसार सेक्स वर्कर्स को सम्मान के साथ जीने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाना.
आसनसोल स्थित यौनपल्ली में बंटी मिठाइयां
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यौनकर्मियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. बंगाल के सबसे बड़े यौनपल्ली में से एक आसनसोल का दिशा स्थित यौनपल्ली में इस फैसले के बाद मिठाइयां बांटी गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यहां के यौनकर्मियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद भी जताया. इनका कहना है कि अक्सर पुलिस द्वारा उन्हें और उनके ग्राहकों को परेशान किया जाता था, लेकिन अब इस फैसले के बाद वे अपना पेशा अन्य पेशेदारों की तरह इज्जत से चला पाएंगे.