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इंटरनेशनल एयरपोर्ट का हो रहा विरोध, रिहाई मंच के महासचिव को पुलिस ने हिरासत में लिया
jantaserishta.com
24 Dec 2022 2:02 PM GMT
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आजमगढ़ के मंदुरी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के प्रस्ताव को नामंजूर करने के बाद से धरना प्रदर्शन चल रहा है. इस बीच बताया जा रहा है कि प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. धरना स्थल पर ना पहुंचने पर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने इसकी जानकारी दी है. हालांकि अभी तक इस पर किसी पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की है.
बता दें कि जबसे मंदुरी एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट रूप देने के लिए जमीन के अधिग्रहण का मामला प्रकरण में आया है, तभी से सर्वदलीय विरोध प्रदर्शन जारी है. जिसमें समय-समय पर लोगों ने धरना प्रदर्शन करके सरकार से इस फैसले को बदलने का और जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक वाराणसी से रिहाई मंच के राजू यादव और उनके साथ विनोद यादव सहित 8 लोग वापस आ रहे थे. आरोप है कि दानगंज में क्राइम ब्रांच की टीम ने इन्हें रोककर पूछताछ की और राजीव यादव व विनोद यादव को अपने साथ हिरासत में लेकर चले गए और बाकी 6 लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया. इस बात की सूचना राजीव यादव के साथ चल रहे प्रभास निषाद ने लोगों को दी.
बता दें कि आजमगढ़ के जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर मंदुरी में ये एयरपोर्ट है. ये एयरपोर्ट करीब 104 एकड़ जमीन पर बना हुआ है. योगी सरकार इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की तैयारी में है. ये प्रदेश का 5वां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा. 2005 में यहां सिर्फ हवाई पट्टी हुआ करती थी, जिस पर विमान उतरा करते थे. नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई पट्टी का विस्तार करते हुए उसे एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की. अप्रैल 2019 में एयरपोर्ट बनाने के लिए बजट जारी हुआ और जल्द ही यहां एयरपोर्ट बन गया. बाद में इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए जिला प्रशासन को जमीन के सर्वे का काम सौंपा गया.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए इसका दायरा बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए 8 गांव की करीब 773 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. किसान नेता आज मंदुरी भी पहुंचे हैं. दावा किया जा रहा है कि अगर जमीन का अधिग्रहण होता है तो उसका असर करीब 25 हजार लोगों पर पड़ेगा. जमीन का अधिग्रहण करने के लिए वहां के 80 फीसदी किसानों की सहमति जरूरी है. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने जमीन का सर्वे भी कर लिया है और इसकी रिपोर्ट भी भेज दी है. इस रिपोर्ट में 80 फीसदी किसानों की सहमति होने की बात भी कही गई है. लेकिन किसानों का कहना है कि वो अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं. यही वजह है कि इसका विरोध हो रहा है. सैकड़ों-हजारों की संख्या में गांव वाले और किसान विरोध कर रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं.
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