दिल्ली। मोदी सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. युवा लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को पहुंचाया है. इसी बीच 20 जून यानी सोमवार को कुछ संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है. इसे लेकर RPF और GRP हाईअलर्ट पर हैं. हालिया हिंसक घटनाओं के बाद RPF और GRP काफी सतर्कता बरत रहे हैं. लिहाजा RPF के सीनियर ऑफिसर्स ने हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं. आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.
भारत बंद के ऐलान के बाद RPF और GRP के अधिकारियों ने कहा है कि चप्पे-चप्पे पर बारीकी से नजर रखी जाएगी. अगर कोई भी प्रदर्शनकारी हिंसा करता है, तो उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. भारत बंद के दौरान हर गतिविधि की सतर्कतापूर्वक निगरानी की जाएगी. इसके साथ ही मोबाइल, कैमरा, सीसीटीवी से हिंसा करने वालों के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य जुटाने के आदेश दिए गए हैं. GRP के अधिकारियों के मुताबिक वीडियो साक्ष्य के आधार पर संदिग्धों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई होगी. सभी मामले आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किए जाएंगे. भारत बंद के दौरान हिंसा की आशंका के चलते ड्यूटी पर तैनात रहने वाले सुरक्षाकर्मियों से कहा गया है कि वह पूरे सेफ्टी गियर पहनें और स्थिति को नियंत्रण से बाहर न होने दें.
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक RPF ने इंटरनल कम्युनिकेशन के जरिए अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है. साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील स्टेशनों का बार-बार दौरा करने के आदेश दिए गए हैं. इस दौरान सभी अधिकारी स्थानीय पुलिस और प्रशासन से भी संपर्क बनाए रखेंगे. अगर किसी भी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना होती है, तो तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
RPF कहा है कि सभी ऑफिसर्स जनता के बीच जाएं, लोगों में विश्वास पैदा करें. शरारती तत्वों पर बारीकी से नजर रखें. इसके साथ ही इलाके में फ्लैग मार्च करते रहें. हर घटना की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करें, ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके.
अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी अगर उपद्रव करते हैं या रेल रोकते हैं तो आपराधिक मामलों में FIR दर्ज की जाएगी. अगर कोई घटना होती है तो जीआरपी और स्थानीय पुलिस हर घटना को लेकर अलग-अलग मामले दर्ज करेंगी. इतना ही नहीं, किसी स्टेशन पर एक से अधिक विरोध प्रदर्शन हुए तो फिर एक से ज्यादा मामले दर्ज किए जाएंगे.