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इकोसिस्टम की रक्षा से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मिल सकती है मदद
jantaserishta.com
16 April 2023 11:03 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का मानना है कि इकोसिस्टम की रक्षा करने और उसे बहाल करने से जलवायु परिवर्तन की मात्रा में कमी लाने में और इसके प्रभावों से निपटने में हमें सहायता मिल सकती है। जापान के सैप्पारो में जलवायु, ऊर्जा एवं पर्यावरण पर जी7 मंत्रियों की बैठक में पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम पर्यावरणगत कदमों के साथ साथ समग्र रूप से जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि हम जरुर यह उम्मीद करते कि जी7 देशों के जलवायु, ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्रियों की इस बैठक के विचार विमशरें के यह मूल में हो।
भारत ने जी-20 की अपनी अध्यक्षता में भूमि क्षरण को रोकने, इकोसिस्टम की बहाली की गति मे तेजी लाने और जैवविविधता को समृद्ध करने के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में न्यूनीकरण और अनुकूलन को गहराई से सन्निहित किया है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, मरुस्थलीकरण और जैवविविधता का नुकसान परस्पर गहराई से जुड़े हुए हैं और मानवता के लिए अस्तित्व संबंधी चुनौतियां पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के प्रत्युत्तर में, रियो संधियों ने सिद्धांतों के आधार पर सर्वसहमति से संचालित ²ष्टिकोण के माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।
यादव ने कहा कि अभी हाल में मांट्रियल में आयोजित सीबीडी सम्मेलन में हमने वैश्विक जैवविविधता संरचना को अपनाया और शर्म अल शेख में सीओपी 27 में नुकसान और क्षति कोष जैसे मुद्दों पर ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। बहरहाल, अभी भी इस दिशा में एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उदाहरण के लिए भारत ने अपनी जी-20 की अध्यक्षता में इस ²ष्टिकोण को अपनाया है और भूमि क्षरण को रोकने, इकोसिस्टम की बहाली की गति मे तेजी लाने और जैवविविधता को समृद्ध करने के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में न्यूनीकरण और अनुकूलन को गहराई से सन्निहित किया है।
यादव ने कहा कि भारत समाधान उपलब्ध कराने का एक हिस्सा रहा है जबकि ऐतिहासिक रूप से यह किसी भी समस्या का हिस्सा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बजाए, भारत ने मजबूत घरेलू कार्रवाई की है, अपने लिए चुनौतीपूर्ण महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को निर्धारित किया है और विभिन्न पहलों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय कदमों को संचालित भी कर रहा है।
यादव ने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अभी हाल में लांच किए गए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस, बाघों और उनके वासों को संरक्षित करने से पृथ्वी पर कुछ सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक इकोसिस्टम को सुरक्षित किया जा सकता है। इससे लाखों लोगों के लिए प्राकृतिक जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, जल और खाद्य सुरक्षा प्राप्त हो सकती है और वन समुदायों को आजीविका तथा जीविका उपलब्ध हो सकती है।
यादव ने कहा कि हम जी7 देशों के नेतृत्व से उम्मीद करते हैं कि वह जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता का नुकसान और प्रदूषण की तिहरी चुनौतियों के विरुद्ध एक प्रभावी लड़ाई, उद्वेश्य की एकरूपता और कार्रवाई की एकता के लिए इस तथ्य के प्रति सचेत रहना सुनिश्चित करे कि हमारे पास एक पृथ्वी है, हम एक परिवार हैं और हमारा एक भविष्य है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह जुलाई में चेन्नई में आयोजित होने वाली जी20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता मंत्रालयी बैठक में सभी का स्वागत करने की आशा करते हैं।
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