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हनुमान चालीसा का प्रचार करना अंधविश्वास नहीं- बाघेश्वर धाम सरकार

Shantanu Roy
25 Jan 2023 3:42 PM GMT
हनुमान चालीसा का प्रचार करना अंधविश्वास नहीं- बाघेश्वर धाम सरकार
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न्यूज़ क्रेडिट: आज तक

नागपुर पुलिस ने दी क्लीन चिट
नई दिल्ली। बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है. नागपुर पुलिस ने इस मामले में जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है वीडियो में देखने पर स्पष्ट हुआ है की वीडियो में धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है. इसमें अंधश्रद्धा जैसी कोई चीज नजर नहीं आई. इसके बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी अपने विरोधियों पर जमकर बरसे. बागेश्वर धाम में अपनी गद्दी पर बैठे धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हनुमान चालीसा का प्रचार करना अगर अंधविश्वास है, तो सभी हनुमान भक्तों को जेल जाना चाहिए था. कानून पर मुझे भरोसा था और सच की जीत हुई. वह यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, रामचरितमानस को राष्ट्रीय धर्म घोषित कर देना चाहिए. तभी भारत विश्व गुरु बनेगा और तभी सामाजिक समरसता होगी.
बागेश्वर धाम में बहुत दिनों के बाद बाबा धीरेंद्र शास्त्री को अपने बीच पाकर श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई. इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई और जय श्री राम के नारों से धाम गूंज उठा. विवाद के बाद यह उनकी पहली प्रतिक्रिया थी. हालांकि, इससे पहले उन्होंने रायपुर में खुले मंच से शिकायत करने वाले नागपुर के अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव को दरबार में आने की चुनौती दी थी. मगर, श्याम मानव ने वहां आने से इनकार कर दिया था. बताते चलें कि श्याम मानव ने आरोप लगाया था कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास फैला रहे हैं. समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में जादू टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है.
समिति ने पुलिस से महाराज पर कार्रवाई करने की मांग भी की थी. इस पर पुलिस कमिश्नर और फिर नागपुर क्राइम ब्रांच के पास दो बार शिकायत की गई थी. इस समिति के अध्यक्ष श्याम मानव का कहना है कि कथा के नाम पर जो हो रहा है वो साफ-साफ जादू-टोने और अंधश्रद्धा को फैलाने का काम है. बार-बार पुलिस से शिकायत करने के बाद आयोजकों को इस बात का पता चला और उन्होंने इस कथा को 2 दिन पहले खत्म करने का फैसला लिया है क्योंकि जिस तरह से ये कानून है और धीरेंद्र शास्त्री ने इस दिव्य दरबार के नाम से जो कानून का उल्लंघन किया है, ऐसे में इस कानून के तहत जेल होना तय है. इस कानून के तहत जमानत का भी प्रावधान नहीं है. वहीं, आयोजकों का कहना है की कथा 7 दिन यानी 5 जनवरी से 11 जनवरी तक होनी थी. मगर, अचानक से धीरेंद्र शास्त्री महाराज को बागेश्वर धाम में बनाए जाने वाले अस्पताल की बैठक में शामिल होने के लिए 'गड़ा' जाना था. लिहाजा, कथा को 2 दिन पहले ही समाप्त किया गया था. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर में अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा शिकायत की गई थी. जिस पर नागपुर पुलिस ने जांच करने के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज को क्लीन चिट दी है. नागपुर पुलिस नागपुर पुलिस ने शिकायत करने वाले श्याम मानव को भी लिखित में भी इसका जवाब दिया है.
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