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मप्र के प्रगतिशील किसान कर रहे स्ट्रॉबेरी की खेती

jantaserishta.com
4 Dec 2022 7:11 AM GMT
मप्र के प्रगतिशील किसान कर रहे स्ट्रॉबेरी की खेती
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शिवपुरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में किसान अब परंपरागत खेती की बजाय नए प्रयोग करने से हिचकते नहीं है। शिवपुरी के किसान तो अब स्ट्रॉबेरी की खेती भी करने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि परंपरागत खेती के मुकाबले नए प्रयोग कर वे अपनी आमदनी को और बढ़ा सकते हैं। राज्य में किसानों का जोर परंपरागत खेती पर ज्यादा है, मगर कई किसान खेती के तरीके को बदल रहे हैं। नकदी वाली फसलों के साथ ज्यादा आमदनी देने वाली फसलों की तरफ उनका रुझान बढ़ रहा है। शिवपुरी के तानपुर गांव के रहने वाले एक किसान राजेश रावत ने अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती की है।
किसान राजेश रावत ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों कुछ किसानों के साथ झांसी का भ्रमण किया, वहां पर कुछ किसानों को स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने भी अपने मन में इस बात को ठाना कि वह भी शिवपुरी जैसे छोटे जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती करेंगे। उसके बाद उन्होंने अपने तानपुर गांव में स्थित खेत पर सात लाख रुपये की लागत से नेट हाउस शेड का निर्माण कर यहां पर स्ट्रॉबेरी के 300 पौधे लगाए जिनमें फल आना शुरू हो गए हैं। आने वाले एक महीने के बाद यहां पर स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होने लगेगा।
किसान राजेश ने बताया कि अभी उन्होंने प्रायोगिक तौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती की है। यदि यह सफल रहती है तो वह आने वाले समय में और बड़े स्तर पर इसके उत्पादन पर ध्यान देंगे।
उद्याानिकी विभाग ने राजेश रावत को राज्य योजना के तहत मदद की है और सब्सिडी उपलब्ध कराई है। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए जलवायु और भूमि का विशेष महत्व होता है। यहां पर टेंपरेचर मेंटेन करना सबसे बड़ी चुनौती होता है। इसके लिए तानपुर गांव में सेट निर्माण किया गया है। स्ट्रॉबेरी की खेती आमतौर पर ठंडे इलाकों में की जाती है। भारत में कई जैसे स्थान जैसे नैनीताल, देहरादून, हिमाचल प्रदेश, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र, नीलगिरी, दार्जिलिंग आदि जहां स्ट्रॉबेरी की खेती व्यावसायिक तौर पर की जाती है।
शिवपुरी के उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण विस्तार अधिकारी जितेंद्र कुमार जाटव ने बताया कि तानपुर के किसान राजेश ने परंपरागत खेती से हटकर नया प्रयोग करने की हिम्मत जुटाई। वह इसके लिए आगे आए तो उद्यानिकी विभाग भी उनकी पूरी मदद कर रहा है। विभाग से राज्य योजना अंतर्गत शेड निर्माण के लिए सात लाख रुपए के बजट में लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की सब्सिडी दी गई है। इस शेड में वह दूसरी हाईटेक खेती पर भी जोर दे रहे हैं। उन्होंने शेड में शिमला मिर्च भी की है।
शिवपुरी जिले में वैसे देखा जाए तो यहां के किसान परंपरागत खेती के तौर पर गेहूं, सरसों और चना ज्यादा करते हैं। इसके अलावा अब किसान टमाटर के उत्पादन भी जोर दे रहे हैं। लेकिन तानपुर के किसान राजेश रावत ने एक नया प्रयोग करते हुए स्ट्रॉबेरी उगाने पर जोर दिया है।
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