महाराष्ट्र। मुंबई आईआईटी के प्रोफेसर इन दिनों काफी चर्चा में हैं. कारण यह है कि साल 2020 में अपना घर छोड़ चुके प्रोफेसर अब बस में रहते हैं. बस को मोडिफाइड कराया गया है, जिसमें सभी सुविधाएं मौजूद हैं. उन्होंने बस के ऊपर सोलर लाइट लगा रखीं हैं. इसकी मदद से बस रोशन रहती है और पंखे चलते हैं. आईआईटी के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं.
मुंबई आईआईटी में प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी कहते हैं कि उन्होंने सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए साल 2020 में अपना घर छोड़ दिया था और अब बस में ही रहते हैं और ट्रेवल करते हैं. उन्होंने 10 साल की लंबी यात्रा शुरू की है. इस लंबी यात्रा के लिए जिस बस को अपना घर बनाया है उसमें बेडरूम, गेस्ट रूम, छोटा सा ऑफिस, मंदिर, किचन, वॉशरूम, ट्रेनिंग रूम, किचन, गार्डन सब है. बस की छत पर सोलर पैनल लगे हुए हैं, जिनसे इस घरनुमा बस के अंदर टीवी, पंखा, लाइट सबकुछ चलता है.
प्रोफेसर चेतन कहते हैं कि हमें पृथ्वी पर कम से कम भार डालना होगा. मतलब हम एनर्जी को कम से कम इस्तेमाल करें. चेतन कहते हैं कि इसके लिए हमें अपनी आदतों को बदलना होगा. छोटा सा उदाहरण देते हुए चेतन कहते हैं कि एक बल्ब 20 वॉट में जलता है, जबकि एक प्रेस को चलाने के लिए 800 वॉट की जरूरत होती है. तो क्यों ना हम बिना प्रेस किए कपड़े पहने, हमें कम एनर्जी के इस्तेमाल को फैशनेबल बनाना होगा.
प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी का कहना है कि वह सोलर एनर्जी को प्रमोट करने के लिए अगले दस सालों तक अपने घर से दूर रहेंगे. कम से कम एनर्जी को यूज कैसे करें इसके लिए सैकड़ों लोगों से हर रोज मिलते हैं. इंस्टिट्यूट और कॉलेज में जाते हैं ताकि आने वाला वक्त अगली पीढ़ी के लिए बेहतर हो और अगली पीढ़ी को आने वाले वक्त के लिए ज्यादा अच्छी तरीके से तैयार भी किया जा सके.